RBI ने SBI पर ठौंका तगड़ा जुर्माना, क्या लोगो के खातो से भी वसूलेंगे पैसे, जानिए ?
बैंककर्मी ने चेक पर दर्ज नंबर को सही से नहीं पढ़ सका और उसे वापस कर दिया। बाद में पीड़ित बैंक के खिलाफ उपभोक्ता फोरम ने न्याय की मांग की।
इस मामले में फाइन
Business Standard की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरा मामला हुबली शहर का है। यहां बिजली बिल के लिए चेक गवर्नमेंट पीयू कॉलेज के वादीराजाचार्य इनामदार (Vadirajacharya Inamdar) ने जारी किया था। 3 सितंबर 2020 को हुबली इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड (HESCOM) को एसबीआई का 6,000 रुपये का चेक दिया गया। लेकिन HESCOM का खाता केनरा बैंक में था, इसलिए चेक को मंजूरी के लिए एसबीआई शाखा में भेजा गया। ये पूरा मामला यहीं से शुरू हुआ।
बैंकांकों में फंस गया
दरअसल, यह चेक 6,000 रुपये की मंजूरी के लिए केनरा बैंक से कर्नाटक के उत्तरी कन्नड़ जिले के हलियाल में एसबीआई शाखा में भेजा गया था। इस चेक पर कन्नड़ भाषा में जानकारी और संख्या लिखी हुई थीं। हलियाल शाखा के बैंककर्मी ने इस चेक पर लिखे कन्नड़ अंक 9 को 6 समझा। जो चेक पर तारीख के महीने वाले सेक्शन में दिखाया गया था। ऐसे में बैंक ने सितंबर को जून महीने मानकर चेक को अस्वीकार कर दिया।
इनामदार उपभोक्ता फोरम
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चेक को स्वीकार न करने पर इसे प्रकाशित करने वाले शिक्षक पुरस्कार विजेता ने अपनी शिकायत दर्ज करने का निर्णय लिया। उसने उपभोक्ता फोरम से संपर्क किया और SBI के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। दो साल बाद, देश का सबसे बड़ा बैंक उनकी शिकायत पर 85,177 रुपये का जुर्माना लगाया।
यह निर्णय उदाहरण बनेगा
7 सितंबर 2022 को उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष इशप्पा भूटे, सदस्य वी ए बोलिशेटी और पीसी हिरेमथ ने कहा कि बैंक को इस रकम को मुआवजे और जुर्माने के रूप में देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह निर्णय भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बैंकों की ट्राई-लिंगुअल पॉलिसी में क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग सुनिश्चित करता है। कन्नड़ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष टीएस नागभरण ने बताया कि निर्णय एक उदाहरण बन सकता है।