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Haryana News: केंद्रिय मंत्री नितीन गडकरी ने कहा, पराली से बने ईंधन से उड़ेंगे जहाज व हैलीकॉप्टर, जानें क्या है पूरी खबर

Haryana News: दिल्ली समेत उत्तर भारत में हर साल दिवाली के बाद पराली का धुआं एक बड़ी समस्या बनता है। दिल्ली गैस चैंबर की तरह है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अब पराली का उपयोग इथेनॉल बनाने में किया जा रहा है।

 
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Haryana News: दिल्ली समेत उत्तर भारत में हर साल दिवाली के बाद पराली का धुआं एक बड़ी समस्या बनता है। दिल्ली गैस चैंबर की तरह है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अब पराली का उपयोग इथेनॉल बनाने में किया जा रहा है।

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यही कारण है कि किसान अब इसे कम जलाते हैं। वह बुधवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए बहुत कुछ कहा। गडकरी ने बताया कि अब पराली से 100,000 लीटर इथेनॉल बनाया जाता है। केंद्रीय सरकार लगातार इथेनॉल का उपयोग करने पर जोर देती रहती है। इसका उद्देश्य प्रदूषण कम करना और पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करना है। नितिन गडकरी ने क्या कहा, आइए जानें।

हेलीकॉप्टर किसानों की पराली से चलेंगे

“अब किसानों द्वारा उत्पादित ईंधन पर अगले 2-3 वर्षों में वाणिज्यिक विमान, लड़ाकू जेट और हेलीकॉप्टर चलेंगे।” वह दूर नहीं है। हम पहले सातवें स्थान पर थे, लेकिन अब तीसरे स्थान पर हैं। 2 महीने पहले हम जापान को तीसरे स्थान पर छोड़ दिया था।

वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि उद्योग, जो मेरे मंत्री बनने से पहले 4.5 लाख करोड़ रुपये का था, आज 12.5 लाख करोड़ रुपये का है। नितिन गडकरी ने कहा कि स्वदेशी आत्मनिर्भरता का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा यह है।

बायो एविएशन फ्यूल बनाया जाता है

अब पुआल सर्दियों में नहीं जलेगा, जैसा कि हम देखेंगे। भूसे का मूल्य बढ़ा है। पानीपत में इंडियन ऑयल के पीछे हम लोग थे। भूसे से 100,000 लीटर इथेनॉल बनाया जाता है। 150 टन प्राकृतिक बिटुमिन अब उन्हें बायो एविएशन फ्यूल बनाना है। अब हम नीति को स्वीकार कर चुके हैं।हम आने वाले समय में एविएशन फ्यूल और बायो-एविएशन फ्यूल में 1 प्रतिशत डाल देंगे। दिल्ली में 63वें एसीएमए वार्षिक सत्र में वह भाषण देते हुए दिखाई दिए।

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