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UP सरकार अब इन जमीनो को नहीं कर पाएगी हड़प, कोर्ट ने जनता के हित में सुनाया फैसला

हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार इस तरह से जमीन अधिग्रहण नहीं कर पाएगी। वास्तव में, वाराणसी कचहरी से आशापुर तक संदहा राजमार्ग चौड़ीकरण की जद में आने वाली याचियों के निर्माण ध्वस्तीकरण पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है।कोर्ट के फैसले पर अधिक जानकारी के लिए खबर को पूरा पढ़ें। 

 
UP सरकार अब इन जमीनो को नहीं कर पाएगी हड़प, कोर्ट ने जनता के हित में सुनाया फैसला

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी कचहरी से आशापुर तक संदहा राजमार्ग चौड़ीकरण की जद में आने वाले याचियों के निर्माण को ध्वस्त करने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार निर्माण को बिना अधिग्रहण किए अथवा याची के मुआवजा पर सहमत हुए बिना ध्वस्त नहीं करे।

कोर्ट ने पूछा कि सरकार जमीन अधिग्रहण किए बिना याची को मुआवजा देने के लिए कैसे बाध्य कर सकती है? नसीर अहमद व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए न्यायमूर्ति एमके गुप्ता तथा न्यायमूर्ति दोनादी रमेश की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है।

जमीन का मुआवजा नहीं दिया गया—
याची के अधिवक्ता मनीष सिंह ने कहा कि गोलघर कचहरी, वाराणसी में उसके निजी मकान का एक बड़ा हिस्सा सड़क चौड़ीकरण की जद में आ गया है, जबकि जमीन नहीं अधिग्रहण की गई है और उचित मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है। याची ने कोई अपराध नहीं किया है।

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कोर्ट को अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने बताया कि लोक निर्माण विभाग वाराणसी के अधिशासी अभियंता ने बताया कि याची के घर का एक तिहाई हिस्सा चौड़ीकरण की जद में आया है, और 19 मार्च 2015 के शासनादेश के अनुसार जमीन का मुआवजा दिया जाएगा।


कोर्ट ने कहा कि क्या अधिग्रहण किया गया था? किसी व्यक्ति की जमीन बिना ली जा सकती है। सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि सरकार की नीति स्पष्ट है। इसलिए वे जवाबी हलफनामा नहीं देना चाहते। कोर्ट ने पूछा कि याचिका को मुआवजा देने के लिए किस कानून में बाध्य कर सकते हैं।
 

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