UP News : यूपी के किसानो की हो गई मौज, सरकार ने इतने रुपए बढ़ाए गेहूं के रेट
देश के इन राज्यों में रबी की फसल की पैदावार चल रही है और कुछ दिनों बाद मंडियों में गेंहू की फसल आ जाएगी. उत्तर प्रदेश के किसान इस बार बहुत खुश हैं क्योंकि सरकार ने गेंहू की खड़ी को लेकर कुछ बड़ा बदलाव किया है जिसका फायदा किसानों को मिलेगा. आइए जानते हैं क्या है यह बदलाव।
Haryana Update : सरकारी क्रय केंद्रों में गेहूं की खरीद इस बार एक अप्रैल से नहीं बल्कि 15 मार्च से शुरू होगी। साथ ही गेहूं की सरकारी खरीद दर को पिछले वर्ष से 150 रुपये प्रति क्विटंल बढ़ाने का भी आदेश है। जल्द खरीद शुरू करने के लिए निर्देश जारी करने के साथ ही किसानों को पंजीकृत करना भी शुरू कर दिया गया है (उच्च समाचार)। किसान जो चाहते हैं, आनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। अब से विपणन विभाग को खरीद केंद्रों पर तैयारी करने का आदेश दिया गया है।
शासन ने गेहूं खरीद को अप्रैल से लगभग पंद्रह दिन पहले शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं, जिसमें 150 रुपये प्रति क्विटंल की बढ़ोत्तरी हुई है, जो पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक है। शासन से बढ़े हुए समर्थन मूल्य में खरीदने को लेकर अभी से प्रचार करने को कहा गया है। सरकारी खरीद केंद्रों में इस बार पिछले वर्ष की तुलना में 150 रुपये प्रति क्विटंल की बढ़ोत्तरी की गई है, शासन से जारी दिशानिर्देशों के अनुसार।
गेहूं खरीद के 48 घंटे के अंदर हर बार किसानों के खाते में धन भेजा जाता है। पिछले साल जिले में 40 क्रय केंद्रों पर गेहूं 2125 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदा गया था। 2275 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं इस बार खरीदा जाएगा।
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न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत गेहूं की खरीद 15 मार्च 2024 से वर्ष 2024-25 में शुरू होगी। इस बार सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है। किसानों को गेहूं सरकारी क्रय केंद्र पर तौलने के 48 घंटे के अंदर भुगतान खाते में भेजने की व्यवस्था की गई है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी राम कृष्ण पांडेय ने बताया कि इस बार 15 मार्च से गेहूं की खरीद करने के निर्देश मिले हैं। इसी के अनुसार, इसकी तैयारी अभी से शुरू हो गई है।
जिले में चालिस केंद्र खोले जाएंगे इसके लिए। भारत सरकार ने इस बार गेहूं का समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 2275 रुपये निर्धारित किया है।
जनवरी से किसानों को गेहूं खरीदने के लिए पंजीकृत करने का प्रबंध लागू हो गया है। किसान खाद्य विभाग के पोर्टल पर जाकर पंजीकृत हो सकते हैं (www.fcs.up.gov.in). पंजीकरण के लिए किसान को भूलेख, आधार संख्या और पंजीकरण के समय उनके मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा।
उपज बिक्री के कई घंटे गुजर जाने पर भी भुगतान नहीं हुआ है तो किसान का बैंक खाता आधार लिंक और एनपीसीआई (नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया) में मैपेड है कि नहीं. अगर ऐसा नहीं है तो अनिवार्य रूप से करें। इस बार भुगतान 48 घंटे के अंदर होगा। किसान को उपज की बिक्री का भुगतान सीधे पीएफएमएफ (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) से मिलता है।