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UP News : योगी सरकार ने किया बड़ा ऐलान, अब इन सभी गाँव की होगी चकबंदी

यूपी सरकार ने नई वैज्ञानिक तकनीक पर विशेष जोर देते हुए राज्य के 378 गांवों को नई तरह से चकबंदी करने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि दो गांवों में पहले इस वैज्ञानिक प्रक्रिया को लागू किया जाएगा। चकबंदी का कार्य सफलतापूर्वक पूरा होने पर ही इसका उपयोग दूसरे गांव में किया जाएगा।
 
UP News : योगी सरकार ने किया बड़ा ऐलान, अब इन सभी गाँव की होगी चकबंदी

लंभुआ तहसील के धनहुआ और जयसिंहपुर तहसील के कारेबन में अब चकबंदी की नई प्रक्रिया लागू होगी। इन दोनों गांवों को पायलट प्रोजेक्ट से चुना गया है। इसी प्रकार गाजीपुर में दो गांव और मऊ, बाराबंकी, प्रतापगढ़, अलीगढ़, शाहजहांपुर सहित अन्य जिलों में एक-एक गांव लिया गया है।

भूमि की जानकारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ब्लाक चेन, हैंडहोल्ड डिवाइस, ड्रोन और रोवर सर्वे से आनलाइन मिलेगी। एक क्लिक से पूरी सूचना मिल जाएगी। यह इन दोनों गांवों में पहली बार सफल होने के बाद अन्य गांवों में भी लागू किया जाएगा।

संबंधित जिलों को सूचना दी गई


चकबंदी आयुक्त नवीन कुमार ने संबंधित जिलों को गाइड लाइन जारी की है, जो नई विज्ञानी विधि पर विशेष जोर देता है। उत्तर प्रदेश जोत अधिनियम, 1953 में जोतों के संहतीकरण और नवीन अधिकार अभिलेख निर्माण प्रक्रिया के लिए 378 गांवों में चकबंदी कराने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है. 27 गांव अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत हैं, जहां अलग-अलग कंपनियों को AI और ड्रोन रोवर विधि का उपयोग करना होगा।

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चकबंदी विभाग के अधिकारी इन कंपनियों के साथ काम करेंगे। उन्हें इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। राज्य के 34 गांवों में चकबंदी कराने की अनुमति दी गई है। ये गांव दूसरे चक्र की चकबंदी करेंगे। आधुनिक तरीके से शासन ने कारेबन में औरियानप्रो सल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड और धनहुआ में सेकान प्राइवेट लिमिटेड को चकबंदी की जिम्मेदारी दी है।


यह फायदेमंद होगा


AI, ड्रोन और रोवर विधि से खेतों की पूरी जानकारी उपलब्ध होने के बाद लोगों को नकल करने की जरूरत नहीं होगी। उसे किसी भी कामन सेवा सेंटर से तुरंत निकाला जा सकता है। पहली चकबंदी को पूरा करने में चार से पांच वर्ष लगते थे। नई तकनीक को अब दो वर्ष लगेंगे। डिजिटल अभिलेखों का उपयोग त्रुटि को कम करेगा। भू अभिलेखों का शीघ्र ही सत्यापन किया जा सकेगा।


बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी अनिल कुमार पांडेय ने बताया कि AI और ड्रोन रोवर तकनीक शासन से दी गई है। शासन से आदेश मिलने के बाद अगले कदम उठाया जाएगा।


 

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