UP News : जमीनी मसले को सुलझाया योगी सरकार ने, अब नहीं होगी परेशानी
गांवों में जमीन और संपत्ति के बंटवारे को लेकर अक्सर झगड़े होते हैं। यही कारण है कि यूपी सरकार अब गांवों में जमीन के विवाद को कम करने के लिए एक नई सुविधा प्रदान करने जा रही है। नीचे खबर में अधिक जानकारी मिलेगी।
यूपी सरकार शहरों की तरह गांवों में भी संपत्ति के म्यूटेशन या नामांतरण की सुविधा देने जा रही है। यह संपत्तियों के बंटवारों को लेकर होने वाले विवादों को खत्म करना चाहता है और न्यायालयों में चल रहे मामलों को कम करना चाहता है।
इसके लिए उत्तर प्रदेश ग्रामीण आबादी (भूमि, भवन और संपत्ति) अधिकार अधिनियम-2023 बनाया जाएगा। इसके मसौदे पर बोर्ड की बैठक में चर्चा हुई है। उच्च स्तर से अनुमति मिलने के बाद प्रस्ताव शासन को कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
शहरी क्षेत्रों में संपत्ति म्यूटेशन की सुविधा है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा नहीं है। वर्तमान में खेत खरीदने पर नाम खतौनी में दर्ज कराने की सुविधा है, और संपत्ति के बंटवारे या बेचने पर नाम घरौनी में दर्ज कराने की सुविधा है।
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इन कार्यों में बहुत समय लगता है। खतौनी के लिए एसडीएम कार्यालय में मामला जाता है, जिसमें कभी-कभी लंबी अवधि लगती है। राजस्व परिषद चाहता है कि संपत्ति के नामांतरण की सुविधा दी जाए, जिससे इसे बेचने या बांटवारे पर इसमें नाम दर्ज कराना आसान हो।
नामांकन के लिए आवेदन करना होगा और इस पर आपत्तियां मांगने के बाद इसे स्वीकार कर लिया जाएगा, अगर कोई विवाद नहीं होता।
नामांकन करने वाले व्यक्ति को एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा होगा कि उसका अधिकार उस संपत्ति पर है। अधिनियम भी ऐसी संपत्ति को उत्तराधिकारियों के बीच बाँटने का प्रावधान करेगा।