UP News: हलाल उत्पादों पर सख्त हुई योगी सरकार, इसको लेकर उठाया ये अहम कदम
UP Government:आपकी जानकारी के लिए बता दे कि योगी सरकार के सामने हलाल सर्टिफिकेशन का मामला सामने आया है, और उम्मीद है कि इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने हलाल सर्टिफिकेशन पर कड़े नियम बनाने की योजना बनाई है।
Haryana Update: योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े सामान की बिक्री पर रोक लगा सकती है। हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर कुछ व्यवसाय चला रहे थे। ऐसी कंपनियां डेयरी, कपड़ा, चीनी, नमकीन, मसाले, साबुन आदि को हलाल सर्टिफाइड करके भी बेचती थीं। और जिसके बारे में अब योगी सरकार को पता चला है।
हजरतगंज कोतवाली में हलाल सर्टिफिकेशन देकर सामान बेचने वाली कंपनियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। शैलेंद्र शर्मा की शिकायत पर आईपीसी की धाराओं 120b/ 153a/ 298, 384, 420, 467, 468, 471, 505 में केस दर्ज किया गया है, जिसमें अज्ञात कंपनियों को सामान बेचने के लिए हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाला काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई और जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई हलाल सर्टिफिकेशन दिए गए भारत में कोई सरकारी निकाय ऐसा कोई सर्टिफिकेशन नहीं जारी करता है।
हलाल और हराम के अर्थों को समझें
रेख्ता डिक्शनरी के अनुसार, हलाल और हराम दो अरबी शब्द हैं। इस्लाम में हलाल का अर्थ है, "जो इस्लामी धर्म-शास्त्र के अनुसार उचित हो या फिर उसके द्वारा अनुमोदित हो, वही शरीअत के हिसाब से जिसका ग्रहण या भोग उचित हो, शरअ या मुसलमानी धर्मपुस्तक के अनुकूल हो, हराम न हो, जिस पर प्रतिबंध न हो, विधिविहित, जाएज़, वैध हो"। ठीक वैसे ही हराम का अर्थ है, "जो इस्लाम धर्म-शास्त्र में वर्जित या त्याज्य है।" निषिद्ध, खराब, खराब बहुत अप्रिय और क्रूर, धर्महीन कार्य, पाप।"
यहा देखे क्या है हलाल सर्टिफिकेशन
Islamist धर्म-शास्त्र में कुछ करने की मनाही है और कुछ करने की इजाज़त है। इस्लामी सिद्धांतों के अनुसार हलाल जानवरों के वध और खाने-पीने की सामग्री बनाने पर लागू होता है। हलाल सर्टिफाइड का अर्थ है कि उत्पाद को इस्लामी नियमों के अनुसार बनाया गया है। बहुत सी कंपनियां अपने उत्पादों पर "हलाल सर्टि फाइड" का टैग लगाती हैं।