PM Kissan Yojana: 'मुस्लिम एजेंडा' खोज रहे थे ओवैसी- Modi Government
Haryana Update: जिसके तहत अब तक 11.37 करोड़ किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक रकम सीधे उनके बैंक अकाउंट में भेजी जा चुकी है. Owaisi जानना चाहते हैं कि इसमें मुस्लिमों को कितना लाभ मिला. लोकसभा में पूछे गए इस सवाल का केंद्र ने बाकायदा जवाब दिया है.
जवाब ऐसा है कि इस योजना को Muslim agenda में लपेटने की मंशा पूरी नहीं होगी. दरअसल, पहली बार है जब किसी सरकार ने खेती-किसानी के लिए सीधे किसानों के bank account में पैसा भेजा है वो भी इतनी बड़ी रकम. यह ऐसी योजना है जिसमें किसानों के नाम भेजे गए एक भी रुपये की कोई नेता या नौकरशाह हेराफेरी नहीं कर सकता. इसकी 12वीं किस्त किसानों को मिलने वाली है. लेकिन, उससे पहले ओवैसी ने इस योजना को लेकर एक चौंकाने वाला सवाल किया.
Owaisi's question and Tomar's answer
AIMIM Chief Asaduddin Owaisi की पूरी सियासत मुस्लिमों के आसपास घूमती रहती है. उन्होंने Hyderabad के सांसद की हैसियत से लोकसभा में पूछा कि PM Kisan Yojana के शुरू से लेकर अब तक मुस्लिम समुदाय से संबंधित लाभार्थियों की वर्ष वार और राज्यवार कुल संख्या कितनी है? इस पर Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि Prime Minister Kisan Samman Nidhi Scheme का लाभ सभी किसान परिवारों को प्रदान किया जाता है. लाभार्थी किसान परिवार के पास अपनी cultivable land holdings होनी चाहिए. इस योजना के डेटाबेस में लाभार्थियों के धर्म को दर्ज नहीं किया जाता है.
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The question of religion and the farmer
Senior Journalist Vinod Agnihotri एक जगह लिखते हैं कि “किसानों के सैलाब के साथ चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत मेरठ के सीडीए मैदान में धरने पर बैठे थे, तब मंच से हर हर महादेव के नारे का जवाब किसान अल्लाहो अकबर से और अल्लाहो अकबर का जवाब हर हर महादेव के नारे से देते थे. (“Chowdhary Mahendra Singh Tikait was sitting on a dharna in Meerut's CDA ground with a plethora of farmers, when the farmer used to answer the slogan of Har Har Mahadev from the stage with the slogan of Allahu Akbar and Allahu Akbar with the slogan of Har Har Mahadev.)
टिकैत मुस्कराते हुए पत्रकारों से पूछते थे कि अब इन नारों से दंगा क्यों नहीं होता? फिर खुद ही जवाब देते कि यहां जो आए हैं, वे हिंदू या मुसलमान नहीं, सिर्फ किसान हैं.”(Then he himself would answer that those who have come here are not Hindus or Muslims, they are only farmers.) तो किसान तो किसान हैं उन्हें धर्मों में नहीं बांटा जा सकता. हालांकि, यह भी सच है कि Muzaffarnagar riots के बाद पश्चिम का किसान हिंदू और मुस्लिम में विभाजित हो चुका है.
Whose share in PM Kisan
central government अपनी SC/ST in Agriculture Schemes और महिला लाभार्थियों का आंकड़ा रखती है. जहां तक पीएम किसान योजना की बात है तो इसमें 31 मार्च 2021 तक सिर्फ 12 फीसदी लाभार्थी ही अनुसूचित जाति के थे. क्योंकि इस समुदाय के ज्यादातर लोग भूमिहीन हैं. भूमिहीन किसानों को पीएम किसान योजना में अब तक शामिल नहीं किया गया है.
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इसी तरह अनुसूचित जनजाति के सिर्फ 10 फीसदी लाभार्थी थे. जबकि महिला लाभार्थियों की संख्या 25 परसेंट थी. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी तेलंगाना से आते हैं. वहां पर पीएम किसान योजना में लाभ हासिल हरने वाली 28 फीसदी महिलाएं हैं. इसी तरह 15 परसेंट एससी और 13 प्रतिशत एसटी हैं. पीएम किसान स्कीम के तहत सरकार दो-दो हजार रुपये की तीन किस्तों में सरकार सालाना 6000 रुपये देती है.
Conditions of PM Kisan Yojana
कृषि योग्य जमीन
पति-पत्नी और नाबालिग बच्चे परिवार की एक यूनिट माने जाएंगे.
किसान आयकर न देता हो.
दस हजार रुपये से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को भी लाभ नहीं.
केंद्र या राज्य सरकार के अधिकारियों इसका फायदा नहीं ले सकते.
वर्तमान और भूतपूर्व एमपी, एमएलए, एमएलसी और मेयर को फायदा नहीं मिलेगा.
डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, आर्किटेक्ट और सीए इस योजना में अप्लाई नहीं कर सकते.