Cotton Price: कपास के भी बढ़ने जा रहे दाम, यहाँ जानें क्या है कारण
Haryana Update. महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है जिस वजह से लोग परेशान हैं। अब लोगों के लिए एक और बुरी खबर है क्योंकि कपास के दाम बढ़ने की संभावना है। शार्टटर्म में घरेलू हाजिर बाजार में कपास की कीमत 45,455 रुपये और 47,500 से रुपये के भीतर कारोबार करेगा।
ओरिगो ई मंडी के सहायक महाप्रबंधक (कमोडिटी रिसर्च) तरुण तत्त्संगी के मुताबिक, देश के कपास उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश और कीड़ों के साथ-साथ आईसीई कपास की मजबूती के कारण फसल खराब होने की खबरें आई हैं।
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महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है जिस वजह से लोग परेशान हैं। अब लोगों के लिए एक और बुरी खबर है क्योंकि कपास के दाम बढ़ने की संभावना है। शार्टटर्म में घरेलू हाजिर बाजार में कपास की कीमत 45,455 रुपये और 47,500 से रुपये के भीतर कारोबार करेगा।
हालांकि, कटाई के साथ कीमत धीरे-धीरे 40,000 रुपये से नीचे आ सकती है। इससे नीचे जाने पर कीमतें 35,000 रुपये प्रति गठरी तक पहुंच सकती हैं।
अगस्त में कपास की कीमत 8% बढ़ी
ओरिगो ई मंडी के सहायक महाप्रबंधक (कमोडिटी रिसर्च) तरुण तत्त्संगी के मुताबिक, देश के कपास उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश और कीड़ों के साथ-साथ आईसीई कपास की मजबूती के कारण फसल खराब होने की खबरें आई हैं। इससे भारतीय हाजिर बाजार में कपास की कीमत 46,000 रुपये प्रति गांठ के ऊपर मजबूती के साथ देखी गई।
अगस्त में अब तक कपास की कीमतों में करीब 8 फीसदी की तेजी आई है। लगातार बारिश का कपास की फसल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है और ऐसा लगता है कि कपास की कीमतों ने इस साल देश में अपेक्षित उच्च फसल के आंकड़ों को नजरअंदाज कर दिया है।
आईसीई कॉटन दिसंबर वायदा 21% चढ़ा
आईसीई कॉटन दिसंबर वायदा पिछले एक पखवाड़े में 21% चढ़ा और पिछले सप्ताह के 116.01 सेंट प्रति पाउंड के साप्ताहिक बंद से 8 सप्ताह के उच्च स्तर 119.59 सेंट को छू गया। तरुण तत्त्संगी का कहना है कि कपास की फसल में तेज गिरावट और अमेरिका में स्टॉक खत्म होने की संभावना से कीमतों में मजबूती देखने को मिली है।
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कपास का रकबा बढ़ा
तरुण तत्तसंगी के मुताबिक, अमेरिका में कपास की कमजोर फसल के साथ-साथ भारतीय फसल के आंकड़ों को लेकर अनिश्चितता के कारण अल्पावधि में कपास की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव होगा। इस महीने के अंत तक या अगले महीने के पहले 15 दिनों में घरेलू बाजार में काफी कुछ साफ हो जाएगा।
लेकिन अमेरिका में ऐतिहासिक स्तर पर कपास की कमजोर फसल के कारण वैश्विक बाजार पर निश्चित रूप से इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले हफ्ते तक देश भर में 123.10 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल की समान अवधि में 116.2 लाख हेक्टेयर से 6% अधिक है।