Tamoto farming: टमाटर को न करें बर्बाद, फूड प्रोसेसिंग कर कमा सकते हैं बंपर मुनाफा!

Tamoto farming: Do not waste tomatoes,you can earn bumper profits by processing food!

 

Haryana Update: Business Idea: खेती-किसानी में लगातार नुकसान और गिरते हुए मुनाफे को देखते हुए किसानों की हिम्मत जवाब देने लगी है. इन सबके बीच अन्नदाताओं द्वारा अपनी फसल को सड़क और नदी में फेंकने की भी खबर आती है.

 

 

 

 

 

महीने के शुरुआत में कई किसानों के टमाटर की फसल (tamoto farming) को फ्री में बांट देने या सड़कों पर फेंकने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. अब हम ऐसे किसानों अपनी टमाटर की फसल को फेंकने की सलाह दे रहे हैं. अपनी उपज का इस्तेमाल कर वह बंपर मुनाफा कमा सकते हैं.

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कीमतें गिरने पर ना फेंके उपज (Do not throw away the produce when the prices fall)

टमाटर की कीमतों में लगातार गिरावट (tamoto price continue to fall) की वजह से अब किसानों के परेशान होने की जरूरत नहीं है. अब फूड प्रोसेसिंग (food processing) के सहारे किसान बढ़िया आमदनी हासिल कर सकते हैं. बता दें कि कई कंपनियां टमाटर से सॉस, चटनी और टमेटो प्यूरी (Many companies make sauces, chutneys and tomato puree from tomatoes.) जैसे उत्पाद खरीदती हैं. ये कंपनियां किसानों से टमाटर खरीदने की एवज में बढ़िया पैसे देते है.

आप खुद तैयार कर सकते हैं ये उत्पाद (You can make these products yourself) 

बता दें कि यां टमाटर से सॉस, चटनी और टमेटो प्यूरी जैसे उत्पाद किसान घर पर भी तैयार कर सकता है. इसके लिए सरकार भी इस तरह की प्रोसेसिंग यूनिट (processing unit) लगाने के लिए 'सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना' के तहत किसानों को सब्सिडी देती है. कृषि विज्ञान यूनिट (Agricultural Science Unit) से किसान फसलों के प्रोसेसिंग करने को लेकर ट्रेनिंग भी ले सकते हैं. इसके अलावा किसान किसी प्रोसेसिंग का काम करने वाली किसी प्राइवेट कंपनी से भी इस बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं.

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करें लंबे समय तक स्टोर (store for a long time) 

जब टमाटर जैसी फसलों को स्टोर (tamoto storing) करने के कई तरीके उपलब्ध हैं. इसके लिए कई नई-नई तरीके की तकनीकें भी आ गई है. किसान इनका उपयोग कर अपनी उपज को लंबे समय तक स्टोर कर सकते हैं. जब भी टमाटर या अन्य सब्जियों की कीमतें बाजार में कम हो तो किसान उपज को कोल्ड स्टोरेज (cold storage) में ही रहने दें. आगे चलकर जब दाम में फिर इजाफा हो तो किसान अपनी उपज को मंडियों में बेच सकता है. किसानों को ये तरीका नुकसान से काफी हद तक बचाएगा.