पुलिस ने किया पाकिस्तान का एक पत्रकार गिरफ्तार  कर रहा था 'हिंदू बाढ़ पीड़ितों' की दुर्दशा की रिपोर्टिंग

Flood in Pakistan वीडियो में बाढ़ पीड़ितों को विनाशकारी प्राकृतिक आपदा के बीच पानी भोजन और आश्रय सहित बुनियादी संसाधनों से वंचित होने के बाद देश में अपनी खराब स्थिति के बारे में रोते हुए देखा जा सकता है।
 

Haryana Update. पाकिस्तान में आई भारी बाढ़ से जन जीवन पूरी तरह अस्त- व्यस्त हो गया। इस बीच, पाकिस्तान के एक पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में बाढ़ में फंसे पाकिस्तानी हिंदुओं की दुर्दशा पर रिपोर्टिंग करने के आरोप में पुलिस ने पत्रकार को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने दी।

 

पाकिस्तान पुलिस ने बुधवार को पत्रकार नसरल्लाह गद्दानी को गिरफ्तार कर लिया। सिंध के मीरपुर मथेलो में भागरी समुदाय से संबंधित पाकिस्तानी हिंदुओं की स्टोरी को कवर करने के लिए 5 दिन के रिमांड पर ले लिया गया। पत्रकार ने बताया कि स्थानीय प्रशासन ने भागरी समुदाय के लोगों को हिंदू होने के कारण बाढ़ राहत शिविर से निकाल दिया था। कवरेज का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया है।

 


वीडियो में बाढ़ पीड़ितों को विनाशकारी प्राकृतिक आपदा के बीच पानी, भोजन और आश्रय सहित बुनियादी संसाधनों से वंचित होने के बाद देश में अपनी खराब स्थिति के बारे में रोते हुए देखा जा सकता है। पाकिस्तान की इस बाढ़ ने 33 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित किया है।

वीडियो में हिंदू भागरी समुदाय के लोग अपनी भयावह स्थिति और स्थानीय प्रशासन के प्रति अपने व्यवहार को बताते हुए नजर आ रहे हैं। हिंदुओं ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने उन्हें यह कहते हुए बाढ़ राहत शिविरों से निकाल दिया था कि वे बाढ़ पीड़ित नहीं हैं।


शिविर में भोजन और पानी भी उपलब्ध कराने से किया गया इनकार


वीडियो में एक पीड़ित को रोते हुए और कहते हुए देखा जा सकता है, 'हमें हिंदू होने के कारण शिविर से बाहर कर दिया गया है। उन्होंने हमें भोजन और पानी भी उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया है। उन्हें लगता है कि हम बाढ़ के शिकार नहीं हैं। अब हम कहां जाएं? हमारे बच्चों को कैसे जीवित रहना चाहिए ?' 'हम गरीब हैं और बाढ़ में अपना घर खो दिया है। और स्थानीय प्रशासन हमें बताता है कि हम बाढ़ पीड़ित नहीं हैं। हमारे साथ छोटे बच्चे हैं।' वीडियो में एक और पीड़ित ने कहा, 'अब हम कहां जाएं? हम भोजन और पानी के बिना कैसे जीवित रहेंगे?'


सिंध प्रांत में हालिया बाढ़ की स्थिति से लोग हाल बेहाल हैं। पहले से ही पाकिस्तान में हिंदुओं को गंभीर संस्थागत भेदभाव का सामना करना पड़ता रहा है। वहीं, अब बाढ़ की त्रासदी में भी उनके साथ ज्यादती हो रही है।

इसके विपरीत, बलूचिस्तान में हिंदू समुदाय ने बाढ़ प्रभावित लोगों को आश्रय देने के लिए एक मंदिर के दरवाजे खोलकर मानवता और धार्मिक सद्भाव का एक संकेत दिया है। बलूचिस्तान के कच्छी जिले में जलाल खान का एक छोटा सा गांव बाढ़ के कारण बाकी प्रांत से कट गया है। डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में बाढ़ ने घरों को तबाह कर दिया है और बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। अखबार के अनुसार स्थानीय लोगों ने बाबा मधुदास मंदिर के कपाट बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए खोल दिए हैं।

बता दें कि पाकिस्तान में अचानक आई बाढ़ ने पाकिस्तान के 80 जिलों को बुरी तरह प्रभावित किया है और देश में बाढ़ से मरने वालों की संख्या लगभग 1,200 तक पहुंच गई है। सिंध में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 621 हो गई है। रविवार को पिछले 24 घंटों के दौरान 12 और लोगों की मौत हुई है।