धान की सीधी बिजाई के लिए वर्ष 2023 -24 के दौरान 2 लाख एकड़ क्षेत्र का लक्ष्य किया निर्धारित

किसानों के इस रुझान को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अपने बजट अभिभाषण में वर्ष 2023 -24 के दौरान 2 लाख एकड़ क्षेत्र को धान की सीधी बिजाई के तहत लाने का लक्ष्य निर्धारित करने की घोषणा की है। जानिए पूरी खबर...

 

मुख्यमंत्री ने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का परिकल्प सोचा था तो उस समय उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि यह योजना तभी धरातल पर सफल होगी, अगर हम धान बाहुल्य जिलों के किसानों के लिए कोई अनूठी योजना लेकर आएं। अधिकारियों ने दो प्रमुख योजनाएं तैयार की थी, जिसके तहत धान के स्थान पर मक्का, बाजरा और  ज्वार जैसी फसलों का विकल्प चुनने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि तथा जीरो टीलेज मशीन से धान की सीधी बिजाई करने पर 4 हजार रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया।

मुख्यमंत्री सकारात्मक परिणाम

मुख्यमंत्री का यह निर्णय काफी सकारात्मक परिणाम लेकर आया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने स्वयं धान बाहुल्य जिलों के किसानों से पानी बचाने के लिए धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों की बुआई करने के लिए किसान संवाद कार्यक्रम आरंभ किये थे। इसके फलस्वरूप किसानों ने खरीफ-2022 के दौरान 72,000 एकड़ क्षेत्र में धान की सीधी बिजाई कर 31,500 करोड़ लीटर पानी की बचत की। सरकार ने ऐसे किसानों को 29.16 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी।

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मुख्यमंत्री ने की बजट की घोषणा

किसानों के इस रुझान को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अपने बजट अभिभाषण में वर्ष 2023 -24 के दौरान 2 लाख एकड़ क्षेत्र को धान की सीधी बिजाई के तहत लाने का लक्ष्य निर्धारित करने की घोषणा की है।

आगामी खरीफ सीज़न 2023-24 को देखते हुए मुख्यमंत्री ने भिवानी व पलवल जिलों के बाद अपने जनसंवाद कार्यक्रम का रुख धान बाहुल्य जिले कुरुक्षेत्र की ओर किया है, जहाँ वे 1 से 3 मई, 2023 तक कुरुक्षेत्र के बड़े गांवों में लोगों से सीधा संवाद करेंगे और मेरी फसल-मेरा ब्यौरा योजना के तहत धान के स्थान पर कम पानी से पकने वाली फसलों का चयन करने की अपील करेंगे।

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