चाणक्य निति की अनुसार इस पक्षी की तरह बनना सफलता की कुंजी साबित हो सकता है !
चाणक्यनिती से पायें सफलता: अगर आप खुशहाल जीवन व्यतीत करना चाहते हैं तो आचार्य चाणक्य के विचारों को अपने जीवन में जरूर लागू करें. आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में कई ऐसे विचारों और नीतियों का जिक्र किया है जो कि जीवन में बदलाव लाने के साथ ही सफलता ही राह तक ले जाते हैं.
यह भी पढ़े:'असिस्टेंट लोको पायलट' Indian railway की नई बम्पर भर्ती, करें आवेदन!
चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और ऐसे में संयम से काम लेना बेहद जरूरी है. क्योंकि बिना सोचे-समझे किए गए फैसले और कार्य में व्यक्ति को नुकसान ही झेलना पड़ता है. आचार्य चाणक्य का कहना है कि बुरे समय में व्यक्ति के एक खास पक्षी की तरह होश से काम लेना चाहिए.(चाणक्यनिती से पायें सफलता) आइए जानते हैं यहां आचार्य चाणक्य ने किस पक्षी के बारे में बात की है.
समझिये लोकप्रिय कहानी के जरिए
लोकप्रिय कहानी है कि एक बार लोमड़ी ने सारस को दावत पर बुलाया. जब सारस दावत में गया तो एक प्लेट में सूप परोसा. (चाणक्यनिती से पायें सफलता)लोमड़ी ने तो तुरंत अपना सूप पी लिया लेकिन लंबी चोंच की वजह से सारस प्लेट में सूप पीने में असमर्थ था और भूखा ही रह गया.
सारस को इसकी वजह से बेइज्जती महसूस हुई लेकिन उसने उस वक्त लोमड़ी को कुछ नहीं कहा और चला गया.(चाणक्यनिती से पायें सफलता) इसके बाद सारस ने एक दिन लोमड़ी को अपने यहां दावत पर बुलाया और लंबी गर्दन वाले बर्तन में सूप परोसा. ऐसे में लोमड़ी सूप नहीं पी पाई और सारस तुरंट सूप चट कर गया.
कहते हैं कि जिस प्रकार सारस ने वक्त और मौके को देखकर अपने गुस्से पर कंट्रोल किया और समय आने पर लोमड़ी से बदला ले लिया. (चाणक्यनिती से पायें सफलता)उसी प्रकार व्यक्ति को बुरे वक्त में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए बल्कि शांति से सोच-समझकर परिस्थिति से बाहर निकलने का हल सोचना चाहिए. जो व्यक्ति बुरे वक्त में संयम रखता है उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता.
यह भी पढ़े:क्या आपका भी सपना है सरकारी टीचर बनने का, तो इस वेबसाइट से करें अप्लाई...