यूपी में जल्द ही एक इंटरलिंक एक्सप्रेस-वे बनेगा जो लखनऊ के हर प्रवेश द्वार से जुड़ेगा, कनेक्टिविटी बढ़ेगी और जल्द ही जमीन अधिग्रहण होगा
 

UP Interlink Expressway Big Update: लखनऊ में हर प्रवेश बिंदु को जोड़ने के लिए प्रस्तावित लगभग 60 किलोमीटर लंबा इंटरलिंक एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा। साथ ही, एक्सप्रेस-वे पर चार इंटरचेंज बनाए जाएंगे। 
 

Haryana Update: योजना के अनुसार, लखनऊ में चार इंटरचेंज बनाए जाएंगे: लखनऊ-मोहान रोड, लखनऊ-कानपुर-झांसी रोड, लखनऊ-प्रयागराज रोड और लखनऊ-सुल्तानपुर रोड। दो ओवरब्रिज भी हैं।


700 हेक्टेयर जमीन 1,400 करोड़ रुपये में खरीद दी जाएगी, जबकि इंटरलिंक एक्सप्रेसवे की पूरी परियोजना लगभग 4,500 करोड़ रुपये की होगी। यह एक नियंत्रित ग्रीनफील्ड एक्सेस एक्सप्रेसवे होगा, जो उत्तर प्रदेश के सभी एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा, जैसे बुंदेलखंड, गंगा, गोरखपुर लिंक और यमुना एक्सप्रेसवे। इसमें छह लेन हैं, लेकिन उन्हें आठ तक बढ़ाया जा सकता है।


Interlink Expressway का महत्व क्यों है?

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से प्रतिदिन लगभग 27,000 वाहन गुजरते हैं, जिसमें 9,500 भारी वाहन शामिल हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर प्रतिदिन औसतन 11,000 वाहन चलते हैं, जिनमें लगभग 3,500 भारी वाहन शामिल हैं। इनमें से आधे वाहन आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर उतरकर पूर्वोत्तर या पूर्वोत्तर से लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर चले जाते हैं। उम्मीदने उम्म

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शहर को आसान कनेक्टिविटी देने के लिए एक इंटरलिंक एक्सप्रेसवे का प्रस्ताव है। इससे दिल्ली से गोरखपुर, बक्सर, प्रयागराज और आगरा तक जाने का समय कम होगा और शहर के बीच में ट्रैफिक जाम कम होगा। मार्गों पर औद्योगिक हब और कॉरिडोर भी बनाए जाएंगे, जिससे कनेक्टिविटी बेहतर होगी।


अगले वर्ष जमीन अधिग्रहण शुरू होगा।

यूपीडा ने परियोजना की डीपीआर बनाने के लिए सलाहकारों का चयन करने का प्रक्रिया शुरू कर दिया है। 1 दिसंबर को प्री-बिड मीटिंग होगी, और बोलियां दिसंबर को खोली जाएंगी।