कूलर से करंट लगने की वजह से गई एक और युवक की जान, आप भूलकर भी न करें ये गलतियां, छोटो-छोटी लापरवाही पड़ती है भारी
कूलर में अर्थिंग का होना बहुत जरूरी होता है
कूलर को समय-समय पर टेस्टर से चेक करना चाहिए
Current from cooler: भारत में तपती गर्मी से अब लोगों को बुरा हाल है. ऐसे में लोग घरों में गर्मी से बचने के लिए एसी और कूलर इस्तेमाल करने लगे हैं. घरों में कूलर चलाने से एक बड़ा खतरा करंट लगने का भी होता है. हर साल करीब दर्जन भर घटनाएं देखने को मिल जाती है. ऐसे में कूलर इस्तेमाल करते वक्त कुछ सावधानियां रखनी बहुत जरूरी होती हैं.
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ताजा घटना छत्तीसगढ़ के बालोद की जहां एक 35 वर्षीय युवक की मौत कूलर से करंट लगने की वजह से हो गई. ये घटना कूलर चालू करने के दौरान हुई. कूलर की बॉडी में करंट आ रहा था और युवक इसकी चपेट में आ गया. ऐसे में कूलर को इस्तेमाल करते वक्त लापरवाही न बरतें और कुछ बातों का बिल्कुल ख्याल रखें. आइए जानते हैं इनके बारे में.
सावधानी बरतते हुए समय-समय पर कूलर की वायरिंग को अनुभवी इलेक्ट्रिशियन से चेक करवाना चाहिए. साथ ही टेस्टर की मदद से कूलर की अर्थिंग या करंट की जानकारी भी लेते रहें. गड़बड़ी मिलने पर उसे ठीक भी करवाएं. साथ ही कभी गीले हाथों से कभी भी कूलर या स्विच न छुएं. कूलर में पानी भरने से पहले स्विच ऑफ कर प्लग बाहर निकाल दें. कूलर से पानी की फिटिंग को सीधा नहीं जोड़ें. नहीं तो, पानी की पाइपलाइन में करंट आने का खतरा रहता है.
करंट लगने पर क्या करें?
यदि कोई करंट की चपेट में आ गया तो उन्हें सीधे टच न करें. बल्कि, लकड़ी या रबर से उन्हें अलग करें. करंट से होने वाले बर्न गंभीर होते हैं, जिसका असर नर्वस सिस्टम पर भी पड़ता है. ऐसे में करंट से संपर्क में आने वाले अंग पर साफ पट्टी लपेटें. पीड़ित को आरामदायक स्थिति में लेटाएं और तुरंत एम्बुलेंस को फोन करें.
कूलर में करंट आने से रोकने और इसे इस्तेमाल करते वक्त रखें ये सावधानियां:
वैसे लोहे वाले कूलर में करंट आने की ज्यादा संभावनाएं होती हैं. लेकिन, करंट प्लास्टिक बॉडी वाले कूलर में भी आ सकता है. कूलर में करंट आने की दो बड़ी वजहें हो सकती हैं. पहला ये कि पानी के पानी के अधिक बहाव के कारण अंदर और बाहर के हिस्सों में नमी आ जाती है जिसके कारण करंट आनी शुरू हो जाती है. दूसरा ये कि कई बार कूलर में दो पिन वाला प्लग दे दिया जाता है, जिसमें ग्राउंडिंग के लिए कोई कनेक्शन नहीं होता. ऐसे में कूलर की बॉडी में कंरट आने की आशंका होती है.
कूलर में करंट न आए इसके लिए कूलर में अर्थिंग का होना बेहद जरूरी होता है. साथ ही कूलर की बॉडी को भी अर्थ किया जाना बेहद जरूरी होता है. सभी इलेक्ट्रिकल अप्लाइंसेस में तीन पिन वाले प्लग का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इसमें प्लग में जो सबसे मोटा पॉइंट होता है, वो अर्थिंग के लिए ही होता है, इसका कनेक्ट होना बेहद जरूरी होता है. इनके अलावा कूलर में कुछ तारों के खुले रहने और उनके सतह से टकराने की वजह से भी कूलर में करंट मारने लगता है.
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