Bank News : बैंकों ने ग्राहको की करदी बल्ले बल्ले, अब अकाउंट में पैसो के हिसाब से मिलेगा ब्याज 

इस बैंक ने अपने ग्राहकों को एक बड़ा तोहफा दिया है: बैंक ने कहा कि ग्राहकों के खाते में जितने ज्यादा पैसे होंगे, उतना ही अधिक ब्याज मिलेगा. आइए जानते हैं बैंक की योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी। 

 

सेविंग अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दर में देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने बदलाव किया है। यह खबर आपके लिए है अगर यूनियन बैंक में भी आपका बैंक अकाउंट है। बैंक ने किए गए बदलाव के बाद सेविंग अकाउंट पर 4% का सबसे अधिक रिटर्न दिया जाता है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 20 नवंबर, 2023 से बचत अकाउंट पर बदली हुई ब्याज दरें लागू होंगी।

किस परिस्थिति में 4 प्रतिशत की कमी

50 लाख रुपये से 100 करोड़ रुपये तक के बैलेंस पर 2.75% की ब्याज दर और 50 लाख रुपये से 100 करोड़ रुपये तक के बैलेंस स्लैब पर 2.90% की ब्याज दर प्रदान करता है. बैंक सेविंग अकाउंट में। इसी तरह, यूनियन बैंक 100 करोड़ रुपये से 500 करोड़ रुपये की बचत पर 3.10% का रिटर्न दे रहा है। बैंक 500 करोड़ से 1000 करोड़ रुपये के बैलेंस स्लैब पर 3.40% की ब्याज दर दे रहा है। 1000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत पर बैंक 4.00% की ब्याज दर देता है।

यूनियन बैंक ने बताया कि 30 सितंबर, 2023 को समाप्त हुई वर्ष की दूसरी तिमाही में नेट प्रॉफ़िट का सालाना आधार 90% बढ़कर 3,511.4 करोड़ रुपये हो गया। यूनियन बैंक ने पिछले साल की समान अवधि में 1,848 करोड़ रुपये की कमाई की। FY23 की तुलना में यह 8,305 करोड़ रुपये था। जो FY24 के द्वितीय चरण में शुद्ध ब्याज से 10% बढ़कर 9,126,1 करोड़ रुपये हो गया।

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भारतीय ओवरसीज बैंक (IOB) ने हाल ही में 2 करोड़ से कम की एफडी पर ब्याज दर में बढ़ोतरी की है। IOB ने एक साल से दो साल की FD पर ब्याज दर में 30 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है। Leaking Bank ने 444 दिन की FD की ब्याज दर को भी 15 बेसिस प्वाइंट कम किया है। 7 से 29 दिन तक चलने वाली FD पर बैंक 4 प्रतिशत का ब्याज देता है।

कारण यह है कि आरबीआई ने मई 2022 से लगभग एक वर्ष में रेपो रेट में 2.5 प्रतिशत का इजाफा किया है, जो बढ़ती हुई महंगाई को कम करने की कोशिश है। पर्सनल लोन, कार लोन और होम लोन सभी को बैंकों ने रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद महंगा करना पड़ा। बैंकों द्वारा ब्याज दरों को बढ़ाने से बाजार से लाभ कम होता है और मांग कम होती है। इससे महंगाई नियंत्रित होती है। इससे बचत खातों, एफडी और अन्य बचत योजनाओं पर ब्याज बढ़ जाता है।