NCERT किताबों में बड़े बदलाव की बड़ी वजह, जाने इन 25 एक्सपर्ट्स की सॉलिड रॉय 

NCERT Books Rationalisation: एनसीईआरटी की किताबों में हुए बदलाव को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. अब पता चला है कि इस बदलाव के लिए बकायदा एक्सपर्ट्स से सलाह ली गई थी.

 

NCERT Books: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग की किताबों को लेकर बवाल मचा हुआ है. इसकी वजह ये है कि हाल ही में इसने अपने सिलेबस को अपडेट किया और मुगल, महात्मा गांधी, राष्ट्रपिता के हत्यारे नाथूराम गोडसे, हिंदू अतिवादियों का जिक्र और 2002 गुजरात दंगों को किताबों से हटा दिया गया. किताबों में हुए इस बदलाव को लेकर काफी बहस चल रही है. अब सरकार ने कहा है कि NCERT ने सिलेबस में बदलाव के लिए 25 एक्सटर्नल एक्सपर्ट्स से परामर्श लिया.

लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब से एक्सटर्नल एक्सपर्ट्स से सुझाव की जानकारी मिलती है. 18 जुलाई, 2022 को दिए गए जवाब से पता चलता है कि एनसीईआरटी के सात सब्जेक्ट डिपार्टमेंट द्वारा दो से पांच की संख्या वाले एक्सपर्ट ग्रुप्स को नियुक्त किया गया था.

किताबों में बदलाव के लिए एनसीईआरटी के खुद के एक्सपर्ट्स भी लगे हुए थे. NCERT की किताबों से हटाए गए टॉपिक्स को लेकर लगातार विपक्ष सवाल उठा रहा है. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि स्कॉलर्स ने भी इस पर सवाल किया है.

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इतिहास और राजनीति विज्ञान में हुए सबसे ज्यादा बदलाव

दरअसल, एनसीपी के सांसद मोहम्मद फैजल द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में सरकार ने इसकी जानकारी दी थी. सबसे ज्यादा बदलाव इतिहास और राजनीति विज्ञान की किताबों में किया गया है. सरकार ने बताया कि एनसीईआरटी ने इतिहास की किताब में बदलाव के लिए पांच और राजनीति विज्ञान के लिए दो एक्सपर्ट्स से बात की थी. सरकार के जवाब में आगे बताया गया कि किताबों में बदलाव के लिए एक राउंड की बैठक हुई, जिसमें सलाह लिए गए.

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किताबों में बदलाव के लिए किनसे सलाह ली गई?

एनसीईआरटी की इतिहास की किताब में बदलाव के लिए पांच एक्सपर्ट्स से बात की गई. इसमें जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के इतिहास के प्रोफेसर और इंडियन काउंसिल फॉर हिस्टॉरिकल रिसर्च के मेंबर सेक्रेटरी उमेश कदम, हिंदू कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर (इतिहास) डॉ अर्चना वर्मा, दिल्ली पब्लिक स्कूल आरके पुरम की टीचर श्रुति मिश्रा (इतिहास की विभाग प्रमुख) और दिल्ली स्थित केंद्रीय विद्यालय के दो टीचर कृष्ण रंजन और सुनील कुमार शामिल थे.

वहीं, राजनीति विज्ञान के लिए एनसीईआरटी ने चार एक्सपर्ट्स के साथ दो राउंड की बैठक की. इन एक्सपर्ट्स में भोपाल में एनसीईआरटी के क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान में राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर अनथांगपुई खोबंग, हिंदू कॉलेज में राजनीति विज्ञान पढ़ाने वालीं मनीषा पांडे और स्कूल टीचर्स कविता जैन और सुनीता कथूरिया शामिल थीं.