Breaking News: बिना तलाक के महिलाएं रह सकती हैं Live-in Relationship में, जाने हाई कोर्ट ने क्या कहा

Latest High Court Decision Update: जैसे कि आप जानते हैं हमारा भारत देश भी और वेस्टर्न कल्चर को काफी ज्यादा अपने लगा है और महिलाएं भी धीरे-धीरे तथा स्वतंत्र महसूस करने लगे हैं लेकिन अभी भी कानून सबसे ऊपर रहता है। और कानून ने अभी तक महिलाओं को बिना तलाक के विभिन्न रिलेशनशिप में रहने की इजाजत नहीं दी है।हाल ही में हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इस बात को क्लियर कर दिया है कि पति से तलाक के बिना महिला गैर मर्द के साथ रिलेशन में रह सकती है या नहीं। 
 

Haryana Update: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली विवाहित महिला की याचिका खारिज करते हुए कहा कि विवाहित महिला पति से तलाक लिए बिना किसी और के साथ लिव इन में नहीं रह सकती। 

जानकारी के मुताबिक, एक महिला ने सुरक्षा की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में याचिका दाखिल की थी, जिसे जस्टिस रेनू अग्रवाल की सिंगल बेंच ने सिरे से खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बगैर तलाक विवाहिता लिव इन में नहीं रह सकती है, ऐसे रिश्तों को मान्यता देने से अराजकता बढ़ेगी।

 

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कोर्ट ने कहा है कि कानून के विरुद्ध संबंधों को अदालत का समर्थन नहीं मिल सकता। हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत यदि पति-पत्नी जीवित है और तलाक नहीं लिया गया है तो दूसरी शादी नहीं कर सकते। कोर्ट ने कहा, पहले से शादीशुदा के संबंधों को अदालत से समर्थन मिला तो समाज में अराजकता फैल जाएगी और देश का सामाजिक ताना-बाना नष्ट हो जाएगा। 


विपक्षी द्वितीय (याची की पत्नी) अनीता कुमारी के अधिवक्ता ने आधार कार्ड पेश कर कहा कि वह उसकी शादीशुदा पत्नी है। इस टिप्पणी के साथ न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल ने कासगंज की पूजा कुमारी व अन्य की लिव-इन रिलेशनशिप की सुरक्षा की मांग में दाखिल याचिका दो हजार रुपये हर्जाने लगाते हुए खारिज कर दी है। याचीगण का कहना था कि एसपी कासगंज से सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन कोई सुनवाई न होने पर हाई कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई है।