हरियाणा के कौशल विकास निगम में चल रहा है रिश्वत का खेल! IAS अधिकारिओ पर लगाया गया आरोप 

शिकायतकर्ता का कहना है कि हरियाणा कौशल विकास निगम में जानबूझकर Files रोक कर रखी जाती है तथा उन पर फालतु की आपत्तियां दर्ज करने के बाद Deal करना कार्यप्रणाली का मिशन बन गया हैजानिए पूरी खबर...
 

हरियाणा के कौशल विकास निगम में प्रत्येक बिल पास करने के बदले 10% रिश्वत लिए जाने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि यह रिश्वत कई बार 20% तक भी पहुंच जाती है . शिकायतकर्ता का कहना है कि हरियाणा कौशल विकास निगम में जानबूझकर Files रोक कर रखी जाती है तथा उन पर फालतु की आपत्तियां दर्ज करने के बाद Deal करना कार्यप्रणाली का मिशन बन गया है. बताया जा रहा है कि इस पूरी कार्यप्रणाली मैं बिल पास कराने का पूरा जिम्मा सीएमओ दीपक शर्मा संभालता था. लोगों से यह कहकर रिश्वत ली जाती थी कि पैसा नीचे से ऊपर तक जाता है. आपको बता दें कि यह सारे भ्रष्टाचार के आरोप शिकायतकर्ता रिंकू मनचंदा शर्मा के द्वारा लगाए गए हैं.

पहले भी रिश्वत लेते पकड़ा
शिकायतकर्ता मनचंदा शर्मा ने आरोप लगाया है कि 2016 से यह भ्रष्टाचार का मिशन शुरू हुआ था. उन्होंने बताया कि पहले भी बिल पास कराने के लिए कई बार वह रिश्वत दे चुके हैं, परंतु इस बार 2 लाख रूपये देने के बाद भी जब उनका बिल पास नहीं हुआ तो उन्होंने इस मिशन की पोल खोल कर रख दी.

मानचंदा ने आरोप लगाए हैं कि इस मामले में केवल IAS विजय दहिया ही नहीं बल्कि पहले के IAS अधिकारी भी शामिल है. उन्होंने कहा कि पहले के आईएएस अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए. आप ये लेख haryanaupdate.com पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.

सात टेबलो से गुजरता है बिल और रुपया 
इस भ्रष्टाचार मिशन के बारे में बताते हुए मनचंदा ने कहा कि बिल पास कराने के मिशन के 7 Check Point है. उन्होंने बताया कि सबसे पहले जिला मिशन कौशल अधिकारी और प्रोजेक्ट मैनेजर ब्लॉक को Verify करके मुख्यालय में भेजते हैं. इसके बाद यहां सहायक डिप्टी डायरेक्टर, ज्वाइन डायरेक्टर तथा CMO के पास Files जाती है. इसके बाद उन्हें आला अधिकारियों की Permission लेनी होती है. मनचंदा शर्मा ने आरोप लगाया है कि यहां फाइलें तभी आगे बढ़ती है जब 10% रिश्वत तय हो जाती है.