Chanakya Niti : ऐसे माता पिता को बच्चे नहीं करते पसंद, जानिए वजह 

Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य ने कहा कि माता-पिता जो अपने बच्चों को पढ़ाया-लिखाया नहीं करते, वे उनके शत्रु हैं क्योंकि अनपढ़ बालक विद्वानों के समूह में शोभा नहीं पाता। उसे हमेशा घृणा होती है। ऐसे में आपको बताना चाहिए कि माता-पिता का दायित्व है कि वे अपने बच्चों को ऐसी शिक्षा दें, जिससे वे समाज में सम्मानित हो सकें।

 

Haryana Update : आज भी लोग आचार्य चाणक्य को एक महान अर्थशास्त्री, कूटनीतिज्ञ और नीति शास्त्री मानते हैं। उनकी पुस्तक में परिवार, समाज, धर्म, राजनीति और शिक्षा सहित कई विषयों पर उनके विचार व्यक्त किए गए हैं। चाणक्य के ये सिद्धांत आज भी लागू होते हैं। श्लोक में आचार्य चाणक्य ने बताया कि आखिर किस तरह के माता-पिता बच्चों के लिए शत्रु हैं। साथ ही जानें-

माता शत्रुः पिता वैरी येन बालो न पाठितः।
न शोभते सभामध्ये हंसमध्ये बको यथा।।

आचार्य चाणक्य ने कहा कि माता-पिता जो अपने बच्चों को पढ़ाया-लिखाया नहीं करते, वे उनके शत्रु हैं क्योंकि अनपढ़ बालक विद्वानों के समूह में शोभा नहीं पाता। उसे हमेशा घृणा होती है। विद्वानों के समूह में उसका अपमान उसी प्रकार होता है जैसे बगुले को हंसों के झुंड में।

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मानव बनने से कोई बुद्धिमान नहीं बनता। उसके लिए शिक्षित होना बहुत महत्वपूर्ण है। सभी लोग एक जैसे होते हैं, शक्ल-सूरत और आकार-प्रकार में, सिर्फ कला में अंतर होता है। जिस तरह एक सफेद बगुला हंसों के पास बैठकर हंस नहीं सकता, उसी तरह एक अशिक्षित व्यक्ति शिक्षित लोगों के पास बैठकर हंस नहीं सकता। यही कारण है कि माता-पिता का दायित्व है कि वे अपने बच्चों को ऐसी शिक्षा दें कि वे समाज की प्रतिष्ठा बन सकें।