Chanakya Niti : गुस्से पर हमेशा रहेगा आपका काबू, बस करना होगा ये काम
Chanakya Niti : नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने गुस्सा करने वाले इंशान के बारे में बताया है कि किसी को गुस्सा कैसे दूर करना चाहिए। अपनी नीति शास्त्र में, चाणक्य ने कुछ आसान उपायों के बारे में बताया है।
Chanakya Niti, Haryana Update : मुझे गुस्सा आता है। लेकिन हम चाहते हुए भी गुस्सा हो जाते हैं। जिससे हमारे काम बिगड़ जाते हैं और लोगों के बीच संबंध बिगड़ जाते हैं। यही कारण है कि आचार्य चाणक्य ने कहा कि सोच-विचार करके ही बोलना चाहिए। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आपको अपने हालात के अनुसार ही व्यवहार करना चाहिए।
जब हम गुस्से में होते हैं, हमें अक्सर नहीं मालूम होता कि क्या करें, जिससे दूसरों की भावनाएं खराब हो जाती हैं। जब आप बहुत क्रोधित हो जाते हैं, चाणक्य नीति आपके लिए सबसे अच्छा रास्ता हो सकता है।
सोचकर बोलें:
जैसा कि आर्चय चाणक्य ने कहा है, हर व्यक्ति को सोच-समझकर बोलना चाहिए। कब, क्या और कैसे बोलना चाहिए, क्योंकि फिर बोली गई बातें वापस नहीं ली जा सकती हैं। चाणक्य कहता है कि बोली से किसी को अपने लिए सम्मान दे सकते हैं। मानव जीवन में कई ऐसे हालात आते हैं जब वे गुस्से में होते हैं।
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वाणी पर नियंत्रण रखें:
जब किसी व्यक्ति का गुस्सा शांत हो जाता है और अपने शब्दों को याद करता है, तो उसे पछतावा होने लगता है। इसलिए कहा जाता है कि बोलते समय अपने स्वर को नियंत्रित रखना चाहिए। बोलते समय आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि उनकी बातों का क्या परिणाम होगा।
तुरंत प्रतिक्रिया न दें:
साथ ही, आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी बात पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। हमें किसी को कुछ कहने से पहले विचार करना चाहिए। तुरंत प्रतिक्रिया देने से हमें अक्सर सही शब्द नहीं मिलते। जिससे दूसरे को बुरा प्रभाव पड़ सकता है।