Delhi News : दिल्ली में अब रुकेंगे अवैध निर्माण, इस इलाके की खैर नहीं, चलेगा बुलडोजर

Delhi News : दिल्ली सरकार अवैध निर्माण को लेकर इन दिनों काफी सख्ती से पेश आ रही है और 21 दिनों के अंदर 700 से ज्यादा निर्माणों को ध्वस्त करने का ऐलान किया है. आइये जानते हैं कि सरकार का बुलडोज़र कहाँ जाएगा। 

 

Haryana Update : दिल्ली (दिल्ली न्यूज़) में अवैध निर्माण पर कार्रवाई करते हुए उन्हें तोड़ दिया जा रहा है। दिल्ली नगर निगम का लक्ष्य है कि अगले तीन सप्ताह में 700 से अधिक अवैध निर्माणों को हटाया जाएगा। जनवरी तक, निगम ने 240 से अधिक अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की है। इनमें निगम ने निजी कृषि भूमि पर बनाए गए अवैध ढांचे को ध्वस्त किया है। तीस से अधिक संपत्ति भी सील की गई है।

हालाँकि, पीड़ित पक्ष इस निगम की इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हैं। पीड़ितों ने कहा कि दिल्ली में 10 से 20 वर्षों के दौरान किए गए कुल अवैध निर्माणों पर एक ऑडिट रिपोर्ट बनाई जाए। उन पर भी कार्रवाई की जाए। गरीबों को नुकसान हो रहा है। लोग विभागों की लापरवाही से परेशान हैं। बहुत से स्थानों पर अवैध निर्माण कार्य होता है। लेकिन वहां पर विभागों ने कोई निरीक्षण या जांच नहीं की है।


इस संबंध में निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली नगर निगम को अवैध निर्माण की कई शिकायतें मिली हैं। जो पीड़ित है। पिछले वर्ष भी कई शिकायतें आईं। तब बहुत से अवैध निर्माणों को गिरा दिया गया था। जनवरी में 243 अवैध निर्माण गिरफ्तार किए गए हैं। 30 से अधिक संपत्ति सील की गई है। इसमें निजी कृषि जमीन पर प्लॉट काटकर उनकी चारदीवारी बनाई गई। जो गिर गया है। साथ ही, इन प्लॉटों के पास बनाया गया रास्ता भी तोड़ा गया है। अगले तीन सप्ताह में सैंकड़ों अवैध निर्माणों को गिरा दिया जाएगा। साथ ही, अवैध प्लॉट बेचने वाले बिल्डरों के खिलाफ लोगों को जागरूक किया जा रहा है। विभिन्न स्थानों पर अवैध ढांचे की निरंतर निगरानी और जांच भी की जाती है।

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इन स्थानों पर हुई कार्रवाई के अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को निगम की टीमों ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के अधिकारियों और सिपाहियों के साथ मिलकर चालीस से अधिक स्थानों पर अवैध निर्माण को गिराया। इससे लगभग 5400 गज निजी कृषि भूमि पर अवैध निर्माण हटाए गए। यहां पर सड़क और कई प्लॉटों की चारदीवारी क्षतिग्रस्त हो गईं। इसके अलावा, कादीपुर वार्ड में स्वरूप नगर और मल्कागंज वार्ड में सब्जी मंडी क्षेत्र में भी काम किया गया। इसके अलावा, अबुल फजल एनक्लेव, जाकिर नगर, विश्वकर्मा कॉलोनी, गाजीपुर डेयरी फार्म, मायापुरी फेस 1, लक्ष्मी नगर में अवैध निर्माण को गिरा दिया। मदनपुर खादर में भी सीलिंग की गई। डेरा मंडी, भाटी, वसंत कुंज, आया नगर, छत्तरपुर, सिरसपुर, भलस्वा, छावला, दिचाऊं कला, दीनदारपुर, बाबा हरिदास नगर, नरेला, बख्तावरपुर, मुंडका, होलंबी खुर्द, लामपुर और बवाना भी शामिल हैं।


अवैध निर्माण पर कोई नीति नहीं बनाई गई: पीड़ित प्रीति ने कहा कि दिल्ली नगर निगम ने अवैध निर्माण के खिलाफ कोई नीति नहीं बनाई है। लोगों ने बहुत मेहनत करके बिल्डरों से प्लॉट खरीद लिया। ऐसे बिल्डरों को कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जा रही है। उनके खाते को विभागों में शामिल करना चाहिए। विभागों की ऐसी गलत नीति से सबसे गरीब लोग परेशान हैं। लोगों को परेशान किया जा रहा है। उन्हें सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले दो दशक में कई स्थानों पर अवैध इमारतें और प्लॉट बनाए गए हैं। उसकी ऑडिट रिपोर्ट तैयार होने के बाद उसकी जांच नहीं हुई है। इन पर कोई उपाय नहीं किया गया।