Fastag News: नितिन गडकरी ने दी जानकारी, फास्टैग हुआ बंद, अब ऐसे कटेगा टोल टैक्स!

Fastag News: आपको बता दें, की टोल प्लाजा पर लगने वाले समय में अब बहुत कमी आई है। सरकार GPS पर आधारित टोल संकलन प्रणाली को विकसित करने और दूर करने में लगी हैं। 

 

Haryana Update: आपकी जानकारी के लिए बता दें, की देश के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सरकार ने नेशनल हाइवे पर GPS-based टोल कलेक्शन सिस्टम को लागू करने के लिए एक कंसल्टेंट को नियुक्त किया है. हाईवे पर सफर करते समय आपको Fatsag का इस्तेमाल करना पड़ता है।

भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि FASTags के अलावा इस सिस्टम को पायलट बेस पर भी पेश किया जाएगा। 

लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि पहले GNSS-बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ETC) सिस्टम को नेशनल हाइवे पर लागू करने का निर्णय लिया गया था और इसके लिए एक सलाहकार भी नियुक्त किया गया था। 

RBI की गाइडलाइन के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) फास्टैग यूजर्स को KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया पूरा करने की सलाह दे रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि NHAI का लक्ष्य टोल प्लाजा पर सड़क यात्रा कर रहे लोगों को परेशानी से बचाने के लिए फास्टैग सिस्टम को पूरी तरह से KYC के अनुरूप बनाना है।

Fastag से लोगों को राहत मिली 
भारत में सड़कों पर सफर करना एक समय काफी मुश्किल था। जिसकी वजह सड़कों और टोल प्लाजाओं पर लगने वाले जाम थे, जिससे चलते गाड़ियों को घंटों जाम में फंसा रहना पड़ा। लेकिन फास्टैग टोल कलेक्शन सिस्टम के आने से इसमें बड़ा बदलाव आया। टोल प्लाजा पर लगने वाले समय में अब बहुत कमी आई है। सरकार GPS पर आधारित टोल संकलन प्रणाली को विकसित करने और दूर करने में लगी है। 

इन गाड़ियों को टोल टैक्स नहीं देना होगा
राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने वाली हर गाड़ी को टोल टैक्स देना होता है, लेकिन देश में कई गाड़ियां टोल नहीं देतीं। इनमें शामिल हैं, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, भारत के राष्ट्रपति, किसी भी राज्य के राज्यपाल, भारत के चीफ जस्टिस, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, किसी राज्य के मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट जज, संघ के राज्य मंत्री, केंद्र शासित प्रदेश के लेफ्टिनेंट गवर्नर, पूर्ण सामान्य या समकक्ष रैंक वाले चीफ ऑफ स्टाफ, किसी राज्य की विधान परिषद के सभापति, किसी राज्य की विधान

इन्हें भी ये छुट मिलती हैं
केंद्रीय और राज्य सशस्त्र बलों, एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, फायर फाइटर डिपार्टमेंट, शव वाहन और अर्धसैनिक बलों और पुलिस को टोल टैक्स नहीं देना होगा। यदि वह अपने संबंधित राज्य के विधानमंडल द्वारा जारी पहचान पत्र दिखाता है, तो विदेशी नागरिक, किसी राज्य की विधानसभा का सदस्य या अपने संबंधित राज्य के भीतर किसी राज्य की विधान परिषद का सदस्य टोल टैक्स नहीं देना पड़ता।

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