खाद्य विभाग ने राशन कार्ड होल्डर को दिया बड़ा झटका! अब एसे नहीं ले पाएंगे राशन

पिछले काफी समय से Ration Depot संचालकों की मनमानी की खबरें सामने आ रही थी. अब खाद्य एवं आपूर्ति विभाग इस मामले पर सख्ती करता हुआ दिखाई दे रहा है.जानिए कैसे?
 

Ration Depot News :- पिछले काफी समय से Ration Depot संचालकों की मनमानी की खबरें सामने आ रही थी. अब खाद्य एवं आपूर्ति विभाग इस मामले पर सख्ती करता हुआ दिखाई दे रहा है.

इसी दिशा में विभाग की तरफ से आदेश जारी किए गए. इन आदेशों में बताया गया कि कोई भी डिपो संचालक अपने घर के अंदर डिपो नहीं चलाएगा, अगर उसका घर आसपास होगा तो भी वह दुकान में ही डिपो चलाएगा.

पीओएस की ऑपरेट करने की पावर परिवार के सदस्यों को नॉमिनी बनाकर ही दी जा सकेगी.

किसी प्रकार की भी गड़बड़ी पाए जाने पर की जाएगी कार्रवाई
यदि किसी वार्ड, गांव में सप्लाई अटैच भी की गई है तो वह डिपो संचालक विभाग की तरफ से निर्धारित स्थान पर बैठकर ही राशन वितरित कर पाएंगे.

विभाग के निरीक्षण में अगर कोई डिपो संचालक इस तरह की कोई गड़बड़ी करता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

डिपो संचालकों की जो मार्जन राशि विभाग की ओर से दी जाती है, वह बैंक खातों में ही दी जाएगी. इसके लिए डिपो संचालकों को अपने Account Number, आधार कार्ड की Copy आवेदन फॉर्म के साथ लगाकर विभाग के पास जमा करवानी होगी.

डिपो संचालकों को निर्धारित स्थान पर करना होगा राशन वितरित 
इसी नियम को लेकर डीएफएससी अशोक शर्मा की ओर से लेटर जारी किया गया. विभागीय आदेशों में बताया गया कि जिस जगह डिपो अलॉट हुआ है, उसी निर्धारित स्थान पर उपभोक्ताओं को राशन वितरित किया जाएगा.

साथ ही पत्र में अतिरिक्त जानकारी देते हुए यह भी बताया गया कि कुछ ऐसी शिकायते भी सामने आ रही है कि डिपो संचालक निर्धारित स्थान पर राशन वितरित न करके, किसी अन्य स्थान पर वितरित कर रहे हैं जिस वजह से उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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बोर्ड के जरिए उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवानी होगी जानकारी 
जिससे उचित समय पर उनके Bank Account में उनकी मर्जन राशि डाल दी जाए.  यदि डिपो संचालकों की तरफ से समय पर जानकारी जमा नहीं करवाई गई, तो देरी के लिए वह स्वयं ही जिम्मेदार माने जाएंगे.

वहीं दूसरी तरफ यदि किसी डिपो संचालक की तरफ से Account Number वेरीफाई नहीं किया गया, तो उसकी जिम्मेदारी भी डिपो संचालकों को खुद ही लेनी होगी.

जिन स्थानों पर राशन वितरित किया जाएगा, वहां बोर्ड पर स्टॉक भी अंकित करना होगा. साथ ही लाभार्थियों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में भी जानकारी मुहैया करवानी होगी.

बोर्ड पर विभागीय अधिकारियों के नंबर भी दर्ज करने होंगे, ताकि जरूरत पड़ने पर उपभोक्ता उन्हें फोन कर सके.