खुशखबरी! हरियाणा में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर चला प्रशासन का चाबुक,100 स्कूलों पर लगाया लाखों का जुर्माना

आपको बता दें कि High Court की तरफ से आदेश दिया गया था कि कोरोना काल के वक़्त शिक्षा सत्र 2020-2021 में ली गई 15 फीसदी Fees वापिस की जाए.जानिए पूरी खबर...
 

Private School News :- Private स्कूलों की मनमानी दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. बच्चों के Bag, School Dress से लेकर किताबें तक स्कूलों में ही दीं जा रही है. ऐसे में इसका सीधा Effect अभिभावकों पर पड़ता दिख रहा है. इसी बीच एक और मामला सामने आ रहा है. आपको बता दें कि High Court की तरफ से आदेश दिया गया था कि कोरोना काल के वक़्त शिक्षा सत्र 2020-2021 में ली गई 15 फीसदी Fees वापिस की जाए.

100 स्कूलों पर एक- एक लाख रुपए का लगाया जुर्माना
बढ़ाई गई 15 फीसदी फीस नहीं लौटाने / समायोजित करने वाले जिले पर जिला शुल्क नियामक समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने Wednesday को कार्रवाई करते हुए 100 स्कूलों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. स्कूल प्रबंधक बार-बार इससे बच रहे थे. देखने वाली बात यह है कि प्रदेश में पहली बार एक साथ इतने स्कूलों पर कार्रवाई की गई है.

छूट देने वाले स्कूलों से मांगी राय 
वर्ष 2020-21 सत्र के दौरान कोरोना काल में लगभग 25 स्कूलों ने कोरोना काल में फीस में छूट दी थी. ऐसे स्कूलों ने शुल्क नियामक समिति को इस बारे में लिखा है. इस मुद्दे पर शुल्क नियामक समिति ने शासन को Letter लिखकर पूछा है कि इन स्कूलों को फीस के समायोजन में राहत दी जाएगी या विद्यार्थियों को शुल्क वापस करना होगा. आप ये लेख haryanaupdate.com पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.

High Court ने दिए थे फीस वापसी के Orders
आपको बता दें कि साल 2020-21 में कोरोना काल के दौरान स्कूलों में 15 प्रतिशत फीस वृद्धि की गई थी. इस मामले में उच्च न्यायालय ने 6 जनवरी 2023 को Order दिए थे कि प्रदेश के सभी स्कूलों के विद्यार्थियों को 15 प्रतिशत फीस अगले वर्ष में समायोजित करने या स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों के Account में भेजने होंगे. कोर्ट के आदेश पर जिला शुल्क नियामक समिति ने 16 फरवरी तक सभी स्कूलों को इस बाबत Notice जारी कर दिया था. जिस पर निजी स्कूलों ने कोई ध्यान नहीं दिया.

बैठक में लिया गया कार्यवाही का फैसला
इसके बाद 24 April को शुल्क नियामक समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें सिटी मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र सिंह, मुख्य कोषाधिकारी अशोक कुमार, सीए प्रदीप गोयल, सहायक अभियंता शुभम सारस्वत, एमिटी इंटरनेशनल की प्रधानाचार्या रेनू सिंह, अभिभावक प्रशांत सिंह और जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. धर्मवीर सिंह आदि उपस्थित रहें. समिति ने स्कूलों की मनमानी पर कार्रवाई का Decision लिया.

स्कूलों की तरफ से नहीं लिया गया संज्ञान
Committee ने फिर से 25 फरवरी को फीस वापसी का नोटिस जारी किया. इधर लगातार अभिभावकों के प्रदर्शन से जिला शुल्क नियामक समिति की किरकिरी हो रही थी, लगातार नोटिस को अनदेखा करने पर 8 अप्रैल को 10 स्कूलों और 15 अप्रैल को सभी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया. कुछ स्कूलों को छोड़कर अन्य ने इस पर ध्यान नहीं दिया.