Haryana Me gehu ka bhav:गेहूं का सरकारी निर्यात खुलते ही गेहूं के दाम तोड़ेगे रिकॉर्ड! किसान हुए खुश
Wheat price: गेहूं का सरकारी निर्यात खुलते ही गेहूं के दाम पहुंचे सातवे आसमान , 4000 रू प्रति क्विंटल बिकने की है तैयारी(Haryana Me gehu ka bhav) रूस यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर पिछले साल गेहूं का निर्यात अधिक हुआ। जिसके कारण सरकार के समर्थन मूल्य की खरीदी पर असर पड़ा। यही कारण है कि सरकार ने पिछले वर्ष मई 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था,(Haryana Me gehu ka bhav) हालांकि सरकारी स्तर पर गेहूं का निर्यात होता रहा। लेकिन खुले बाजार से प्रतिबंध निर्यात पर प्रतिबंध रहा, यह प्रतिबंध अब तक बरकरार है वही इसके अलावा गेहूं को वायदा कारोबार से भी बाहर रखा गया है इसके बावजूद गेहूं के भाव इस वर्ष तेज हैं।
गेहूं की सभी किस्मों के भाव बढ़े
निर्यात प्रतिबंध के बावजूद गेहूं के भाव इस वर्ष तेज हैं। गेहूं की सभी किस्मों के भाव समर्थन मूल्य के समकक्ष बने हुए हैं वहीं इनमें से कुछ किस्मों के भाव ऐसे किस्में जो चपाती बनाने के काम आती है के भाव 2500 से 2800 रुपए प्रति क्विंटल तक के हैं।
गौरतलब है कि सरकारी स्तर पर गेहूं का समर्थन मूल्य का समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है। किसान समर्थन मूल्य यानी कि 2125 रुपए प्रति क्विंटल पर गेहूं की तेजस, पोषक एवं अन्य कुछ वैरायटियों को बेच रहे हैं। मंडियों में इन किस्मों के भाव 1900 से 2200 रुपए प्रति क्विंटल के हैं। वही शरबती, lok-1 लोक वन, पूर्णा, नई वैरायटी पूषा अहिल्या 1634 के भाव 2500 से लगाकर 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक के हैं।
गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध बरकरार रहेंगे(Haryana Me gehu ka bhav)
गरीबों की सुरक्षा के लिए मुख्य खाद्य पदार्थों की लागत को ध्यान में रखना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सवोच्च प्राथमिकता होगी क्योंकि वह इस साल कई राज्यों में चुनाव और 2024 में आम चुनाव हैं। भारत ने पिछले साल मई में निर्यात रोक दिया था, एक चौंकाने वाला कदम जिसने यूक्रेन में युद्ध के बीच वैश्विक खाद्यान्न की कमी और मुद्रास्फीति की आशंकाओं को हवा दी। इस वर्ष बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि के कारण उत्पादन में कमी आई, जिससे स्थानीय आपूर्ति को लेकर आशंकाएं बढ़ गई।
अहमदाबाद स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान में सहायक प्रोफेसर पूर्णिमा वर्मा ने कहा हालांकि खाद्य मुद्रास्फीति ने उत्तर प्रदेश और गुजरात सहित कुछ राज्यों में विधानसभा चुनावों में सत्ताधारी पार्टी की चुनावी संभावनाओं को प्रभावित नहीं किया,(Haryana Me gehu ka bhav) लेकिन वह भविष्य के चुनावों और अगले साल होने वाले आम चुनावों से पहले कोई जोखिम नहीं लेना चाहती क्यों कि उच्च खाद्य कीमतें हमेशा उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाती हैं।
परन्तु यदि किसी कारणवश गेंहू के निर्यात को खोला गया तो विशेषज्ञों का दावा है की गेंहू के भाव आसमान छू सकते है और यह लगभग 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक सकते है I क्योकि इस वर्ष विदेशो में मध्यप्रदेश के गेंहू की डिमांड बहुत बढ़ी है I
2023 में गेहूं के भाव क्या रहेंगे? जानिए
आने वाले समय में गेहूं के भाव कैसे रहने वाले हैं इस पर चर्चा करने से पहले यह जान लीजिए कि वर्तमान में गेहूं के पैदावार की क्या स्थिति है गौरतलब है कि इस वर्ष बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल को खासा नुकसान हुआ यह मौसम की बारिश एवं ओलावृष्टि का असर गेहूं की पैदावार पर पड़ा जिसके कारण विशेषज्ञ यह आकलन कर रहे हैं कि इस वर्ष गेहूं की पैदावार पिछले वर्ष की तुलना में घटी है।
पैदावार कम होने के कारण गेहूं के भाव पर असर पड़ेगा।(Haryana Me gehu ka bhav) यही कारण है कि व्यापारी गेहूं का स्टाक करने में लगे हुए हैं। इसी कारण गेहूं के भाव वर्तमान में अधिक हैं बताया जा रहा है कि आने वाले समय में भी गेहूं के भाव अधिक बने रहेंगे। गेहूं कारोबारी बताते हैं कि 2023 में गेहूं के भाव 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक हो सकते हैं।
मूल्य नियंत्रण पर सरकार रखेगी नजर
गेहूं का भाव अधिक ना हो इसके लिए सरकार मूल्य नियंत्रण पर नजर बनाए हुए हैं आने वाले पूरे वर्ष यही स्थिति बनी रहने की संभावना है। एफसीआई के अधिकारी बताते हैं कि सरकार महंगाई पर काबू करने के लिए गेहूं के भाव पर नियंत्रण बनाए रखेगी। वही आने वाले दिनों में स्टॉक लिमिट की भी संभावना जताई जा रही है।(Haryana Me gehu ka bhav) यदि ऐसा होता है तो गेहूं के भाव वर्तमान में जो चल उससे कम हो सकते हैं यानी कि गेहूं के भाव 2000 से 2500 रुपए प्रति क्विंटल तक हो सकते हैं।