Haryana News: बुढ़ापा पेंशन घोटाले में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और आईएएस अधिकारियों पर सीबीआइ जांच के HC आदेश, जानिए मामला 

 पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में हुए बुढ़ापा पेंशन घोटाले की परतें अब उधड़ने लगी हैं। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा मामले की जांच सीबीआइ से कराने के आदेश के बाद प्रदेश के कई आइएएस अधिकारी तथा जिला समाज कल्याण अधिकारी बचाव की मुद्रा में आ गए हैं।

 

 Haryana Update: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में हुए बुढ़ापा पेंशन घोटाले की परतें अब उधड़ने लगी हैं। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा मामले की जांच सीबीआइ से कराने के आदेश के बाद प्रदेश के कई आइएएस अधिकारी तथा जिला समाज कल्याण अधिकारी बचाव की मुद्रा में आ गए हैं। इनमें से कई पर सीबीआइ जांच की तलवार लटक रही है।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भी हरियाणा पुलिस पर जांच में ढिलाई बरतने का आरोप लगाते हुए गंभीर सवाल उठाए हैं। हालांकि समाज कल्याण विभाग द्वारा घोटाले में संदिग्ध भूमिका वाले सात जिला समाज कल्याण अधिकारियों को अंडर रूल सात के तहत चार्जशीट किया जा चुका है।

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विभाग द्वारा हाई कोर्ट में दिए गए शपथ पत्र के मुताबिक 6722 लोगों से 7.57 करोड़ रुपये की पेंशन वसूली करनी है, जबकि 4.58 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है। वर्ष 2018 के बाद इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

समाज कल्याण विभाग की तरफ से इस मामले में की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2012 की जांच में 18 हजार 420 अयोग्य लोग पाए गए थे। 41 हजार 198 गैरहाजिर मिले थे और 29 हजार 381 की मृत्यु हो चुकी थी।

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इसके बाद 22 अगस्त 2021 को फिर से अदालत में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करके बताया गया कि 13 हजार 477 लोग पेंशन के अयोग्य थे, जबकि 17 हजार 94 गैरहाजिर रहे। 50 हजार 312 मृत मिले। इस मामले में कुल 6722 लोगों से सात करोड़ 57 लाख 57 हजार 85 रुपये की रिकवरी जारी है। इसमें 996 मृतकों की एक करोड़ 39 लाख एक हजार 773 रुपये की रिकवरी और 657 अनट्रेस लोगों की 95 लाख सात हजार 902 रुपये की रिकवरी शामिल नहीं है।

पुलिस रिकार्ड में ज्यादातर मामले अनट्रेस

  • पेंशन घोटाले में पुलिस ने 23 फरवरी 2015 को तीन अलग-अलग केस दर्ज किए। एक केस की जांच ठीक नहीं की गई। दो अन्य केसों के आरोपी बरी हो गए।
  • कैथल के सीवन थाने में 25 अक्टूबर 2015 को दर्ज एफआइआर में आरोपित सरपंच को तीन साल की सजा हुई।
  • कुरुक्षेत्र के शाहबाद पुलिस थाने में 28 जनवरी 2017 को दर्ज मामले को पुलिस ने अनट्रेस बताकर बंद कर दिया।
  • जींद के पिल्लूखेड़ा पुलिस थाने में 27 मई 2021 को दर्ज मामले को पुलिस ने अनट्रेस घोषित कर दिया।
  • नरवाना पुलिस थाने में 13 जनवरी 2022 को दर्ज मामले में पुलिस ने केस को अनट्रेस बताया है।
  • कुरूक्षेत्र थाने में 22 जनवरी 2013 को दर्ज मामले में आरोपित के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया, मगर आरोपित की मौत हो गई।