Haryana News: हरियाणा में अब कैदियों और नाबालिक बच्चों को भी दी जायेगी इतनी पेंशन!
Haryana News: जींद की जेल में आजीवन कारावास की सजा पा रहे कैदियों के आश्रितों का पंजीकरण करके उनकी निराश्रित पेंशन बनाने का काम किया गया। सीएससी के जिला मैनेजर विवेक ने बताया कि कैदियों के परिवार के बच्चों और महिलाओं का पंजीकरण करने का काम किया गया है। गत दिनों कैदियों का प्रधानमंत्री श्रम मानधन योजना के तहत भी पंजीकरण किया गया था, जिसके तहत कैदियों को 60 साल की आयु पूरी करने पर 3 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से दिए जाएंगे।
जेल अधीक्षक हरेंद्र श्योराण ने कहा कि सीएससी के माध्यम से कैदियों के परिवार का विशेष ध्यान दिया गया है। कैदियों के परिवार के निराश्रितों के लिए पंजीकरण किया जा रहा है ताकि किसी भी निराश्रित को वंचित ना रहना पड़े। जींद की जेल देश की ऐसी पहली जेल है, जहां पर कैदियों के लिए सीएससी की सुविधा दी जा रही है। कैदियों के परिवार के 30 निराश्रितों का पंजीकरण किया गया है, जिनको हर माह एक हजार रुपए पेंशन मिलेगी।
जींद . जिला कारागार में कैदियों के आश्रितों का पंजीकरण करते हुए।
कैदियों 2750 रुपये और उनके नाबालिग बच्चों को 1850 रुपयेकी वित्तीय सहायता दी जाती है. बता दें कि बहुत की कम लोगों को इस बारेमें पता है. अभी तक लोगों के पास यही जानकारी थी कि सिर्फ विधवा महिला को ही पेंशन मिलती है. जबकि उसके नाबालिग बच्चा भी पेंशन का हकदार है. कैसे ले सकतेहैं लाभ? इन दोनों पेंशन भत्तेका लाभ उठानेके लिए लाभार्थी सोशल जस्टिस हरियाणा की वेबसाइट सेविधवा और बेसहारा स्कीम के बारेमें जानकारी ले सकती हैं. विधवा महिला अपनेपेंशन आवेदन के साथअपनेदो नाबालिग बच्चों तक का आवेदन कर सकती है. इसके लिए महिला आधार कार्ड, पैन कार्ड, फैमली आईडी, रिहायशी प्रमाण पत्र, बैंक खातेकी पास बुक और पति की मृत्युप्रमाण पत्र सरल केंद्र मेंजाकर ऑनलाइन आवेदन करवा सकती हैं.
वहीं उम्र कैद की सजा काट रहेकैदी की पत्नी भी सभी प्रमाण पत्र के साथ कोर्ट की सजा के नोटिस के साथ आवेदन कर सकती है. आपको बता दें कि महिला अपनेदो बच्चों का ही आवेदन भर सकती है, क्योंकि 2 बच्चों सेज्यादा के लिए येस्कीम नहीं है. सिर्फ दो बच्चेही इस सुविधा का लाभ उठा सकतेहैं. बच्चे नाबालिग होने चाहिए