Haryana Railway ने बनाया एक और बड़ा रिकॉर्ड! हरियाणा में बनेगी देश की पहली ट्विन टनल, अब मिलेगे ढेरों लाभ
Haryana News: भारतीय रेलवे (Indian Railway) लगातार नए-नए रिकॉर्ड बना रहा है. सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत दौड़नी शुरू हो चुकी है, बुलेट ट्रेन का प्रोजेक्ट बन रहा और अब देश की पहली रेलवे ट्विन टनल बनाने की प्लानिंग भी हो चुकी है.
टनल को बनाने के लिए किया ब्लूप्रिंट तैयार
हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (HRIDC) ने अपनी तरह की इस पहली टनल को बनाने का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है. इसके लिए अरावली की पहाडि़यों का सीना चीरकर टनल बनाई जाएगी और पहली बार देश में दो ट्रैक एकसाथ बिछाए जाएंगे.
हरियाणा ऑरबिटल रेल कॉरिडोर परियोजना
हरियाणा ऑरबिटल रेल कॉरिडोर (HORC) के तहत शुरू होने वाली यह परियोजना डबल-डेकर सुविधाओं से लैस होगी. 4.7 किलोमीटर लंबी यह टनल अन्य कॉरिडोर से 3.5 किलोमीटर की वायाडक्ट के जरिये जुड़ेगी. यह टनल पलवल से सोनीपत तक रेलवे के सफर को आसान बना देगी, जबकि सोहना और मनेसर भी इस रूट से जुड़ जाएंगे.
इस टनल के जरिये सोहना और नूह जिले आपस में रेलमार्ग से जुड़ जाएंगे. टनल की ऊंचाई करीब 25 मीटर रहेगी. हरियाणा का यह आर्बिट डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का ही एक हिस्सा होगा. इससे पहले HRIDC ने राज्य में 100 फीसदी रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन की उपलब्धि भी प्राप्त कर ली है.
साल 2023 के अंत तक पैरामीटर को जायेगा आंका
HRIDC के एमडी राजेश अग्रवाल का कहना है कि अरावली की पहाडि़यों के बीच से इस टनल को निकालना इंजीनियरिंग के लिहाज से बहुत चुनौतीपूर्ण काम है. इस प्रोजेक्ट को सभी तकनीकी पैरामीटर पर आंकने के बाद साल 2023 के अंत तक बिडिंग निकाली जाएगी. अनुमान है कि इसका निर्माण कार्य साल 2026 तक पूरा हो जाएगा.
दक्षिण हरियाणा के इन शहर को होंगा सबसे ज्यादा फायदा
इस टनल के तैयार होने का सबसे ज्यादा फायदा दक्षिण हरियाणा के इंडस्ट्र्रियल एरिया मनेसर, सोहना और सोनीपत को मिलेगा. देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति ने यहां अपना नया मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने का ऐलान किया है. यह आर्बिट रेल कॉरिडोर कुंडली-मनेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे के बराबर बनाया जा रहा है.
2019 में हुआ साझा प्लान तैयार
इस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए हरियाणा सरकार और भारतीय रेलवे ने जुलाई, 2019 में ही एक साझा प्लान तैयार किया था. साथ ही हरियाणा सरकार कैबिनेट ने इसे मंजूरी भी दे दी थी. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आर्थिक मामलों की केंद्रीय कैबिनेट ने भी इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी थी.
ट्रेनों के लिए तैयार किया जायेगा बाईपास
इस टनल के तैयार होने के बाद दिल्ली-एनसीआर पर रेलवे ट्र्रैफिक का बोझ कम हो जाएगा. यह कॉरिडोर एक तरह से ट्रेनों के लिए बाईपास का काम करेगा. गुरुग्राम-चंडीगढ़ जैसे शहरों के बीच चलने वाली ट्रेनें अब बाईपास इस बाईपास के जरिये ही गुजारी जा सकेंगी. इस कॉरिडोर से पैसेंजर ट्रेनों को 160 किलोमीटर की गति से तो मालगाडि़यों को 100 किलोमीटर की गति से दौड़ाया जा सकेगा.