हरियाणा में अवैध कॉलोनियां नियमित करने के लिए खट्टर सरकार ने बनाई नई पॉलिसी, अब हर व्यकित को मिलेगा मालिकाना हक़
हरियाणा सरकार ने अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण को लेकर नई पॉलिसी जारी कर दी है। जिसके तहत अब ऐसी कॉलोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया से मंडलायुक्त कार्यालय को बाहर कर दिया गया है।
Haryana Update: नगरीय सीमा से बाहर की अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण को लेकर हरियाणा सरकार ने नियमों का सरलीकरण किया है। जिसके तहत नियमितीकरण पॉलिसी में संशोधन करके नई पॉलिसी जारी कर दी है। जिसके तहत अब ऐसी कॉलोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया से मंडलायुक्त कार्यालय को बाहर कर दिया गया है।
अब नई पॉलिसी के तहत स्क्रूटनी कमेटी के अध्यक्ष एवं उपायुक्त की संस्तुति के बाद ही अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए सीधे सरकार को भेजा जा सकेगा। इससे अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण में कम समय लगेगा। शीघ्रता के साथ इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। योजना की अवधि को भी छह माह तक बढ़ा दिया गया है।
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हरियाणा में नगरीय सीमा से बाहर की अवैध कॉलोनियों में आवश्यक सेवाओं और नागरिक सुविधाओं के प्रावधान आवश्यक करने को लेकर जो पहले अधिकृत पॉलिसी थी, उसमें जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी की सिफारिशों के बाद कॉलोनियों को नियमित करने के मामले मंडल आयुक्त को भेजे जाते थे।
मंडलायुक्त द्वारा भी उनका निरीक्षण किया जाता है या उनमें मौजूद मानकों को परखकर आगे की कार्रवाई की जाती थी। तब सरकार के पास जाती थी लेकिन अब नई पॉलिसी में स्क्रूटनी कमेटी के अध्यक्ष एवं उपायुक्त की संस्तुति के बाद नियमित करने का मामला सीधे सरकार को भेजा जाएगा।
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योजना छह माह और बढ़ी
उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि अवैध कॉलोनियों को निर्धारित मानदंडों के आधार पर नियमित करने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से 19 जुलाई 2022 को एक पॉलिसी आई थी। जिसमें शहरी क्षेत्र से बाहर की कॉलोनियों को नियमित कराने के लिए वहां के रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, कॉलोनाइजरों आदि से मानकों के आधार पर आवेदन मांगे गए थे।
आवेदन आए भी थे लेकिन इस योजना की अवधि 18 जनवरी 2023 को समाप्त हो गई थी। लेकिन अब हरियाणा सरकार ने ऐसी कॉलोनियों के लोगों को एक और मौका देते हुए छह माह के लिए योजना बढ़ा दिया है। अब ऐसी कॉलोनियों के आवेदन जमा करने की समय सीमा को 14 जुलाई 2023 तक कर दिया गया है।
नई पॉलिसी में क्या है खास
अवैध कॉलोनियों की नई नियमितीकरण पॉलिसी में सरकार ने स्क्रूटनी समिति की संस्तुति पर नीति के विभिन्न खंडों में जिस छूट को अनुमोदित किया है, उसके तहत पहले केवल सेलडीड या रजिस्टरी की आवश्यकता होती थी, अब कॉलोनाइजर व प्लॉट खरीदने वाली पार्टी के बीच रजिस्टरी व एग्रीमेंट दोनों होंगे।
नई पॉलिसी के तहत सभी कॉलोनियों के लिए न्यूनतम मानदंड क्षेत्र दो एकड़ होगा, हालांकि जहां कॉलोनी किसी अन्य अधिकृत या लाइसेंसी कॉलोनी से सटी हुई है या उसमें 19 जुलाई 2022 की पॉलिसी के तहत विचार किया जा रहा है और उसमें मानदंडों के अनुसार की अप्रोच रोड है तो ऐसी स्थिति में दो एकड़ न्यूनतम क्षेत्र का मानदंड लागू नहीं होगा।
डीटीपी कार्यालय में जमा होंगे आवेदन
उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि कॉलोनियों के नियमितीकरण से संबंधित सभी आवेदन जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) कार्यालय में जमा किए जाएंगे। यहां से उन पर विचार विमर्श के बाद व्यापक रूप से जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी के समक्ष रखे जाएंगे। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 14 जुलाई 2023 तक है।
कौन कर सकता है आवेदन
उपायुक्त ने बताया कि नई नीति के तहत आवेदन पंजीकृत आरडब्ल्यूए या डेवलेपर (कॉलोनाइजर) करेंगे या फिर संबंधित कॉलोनी के कम से कम पांच सदस्यों के समूह द्वारा भी आवेदन किया जा सकेगा। जिस कॉलोनी का आवेदन किया जा रहा है,
उसमें मौजूदा निर्मित क्षेत्र की सीमा के आधार पर नागरिक सुविधाओं और बुनियादी सुविधाओं की कमी वाले क्षेत्रों के खंड 4 के अनुसार बिल्ट एरिया में छह मीटर की अप्रोच और तीन मीटर चौड़ाई की आंतरिक सड़कें होनी चाहिए।
ऐसी 20 एकड़ या उससे अधिक की कॉलोनियों में बेहतर वातावरण बनाने के लिए 500 वर्ग मीटर तक के पार्कों और सामुदायिक भवनों का प्रावधान होना चाहिए। डेवलेपर/आरडब्ल्यूए द्वारा अग्निशमन विभाग के परामर्श से लिखित में आवश्यक व्यवस्था व एनओसी लेनी होगी।