Maggi Update: हम हो गए मैगी के शौकीन, 600 करोड़ यूनिट की बिक्री के साथ भारत दुनिया में नंबर 1 

Maggi Update: स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने जून, 2015 में मैगी नूडल्स पर 5 महीने का बैन लगा दिया था

 

Haryana Update, Maggi Update: आपको बता दें, की दो मिनट में बन जाने नूडल्स मैगी (Maggi) ने भारत में रिकॉर्डतोड़ बिक्री की है. नेस्ले इंडिया (Nestle India) के अनुसार, भारत मैगी का सबसे बड़ा मार्केट बन गया है. कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 में भारत में लगभग 600 करोड़ यूनिट मैगी की बिक्री की है. इसके अलावा कंपनी की चॉकलेट किटकैट (KitKat) ने भी बिक्री के रिकॉर्ड तोड़े हैं. कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 420 करोड़ यूनिट किटकैट बेची हैं. भारत किटकैट का दूसरा सबसे बड़ा मार्केट बन गया है. 

मैगी और किटकैट बन गए कंपनी के बेस्टसेलर 
स्विस एमएनसी नेस्ले की इंडिया यूनिट ने सोमवार को अपनी सालाना रिपोर्ट में यह आंकड़े जारी किए. इसके मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा मैगी भारत में ही बिक रही है. नेस्ले ने बताया कि भारत उनके लिए सबसे तेजी से बढ़ता बाजार बन गया है. कंपनी यहां डबल डिजिट में ग्रोथ कर रही है. कंपनी ने मैगी नूडल्स (Maggi Noodles) और मैगी मसाला-ए-मैजिक (Maggi Masala-E-Magic) की कीमत एवं प्रोडक्ट मिक्स के जरिए यह तेजी हासिल की है. किटकैट चॉकलेट भी नेस्ले का बेस्टसेलर बनी है. 

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विवादों में फंस गई थी मैगी, FSSAI ने लगाया था बैन
आज कंपनी के लिए रिकॉर्ड सेल कर रही मैगी साल 2015 में बड़े विवाद में फंस गई थी. स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने जून, 2015 में मैगी नूडल्स पर 5 महीने का बैन लगा दिया था. मैगी में तय सीमा से ज्यादा लेड होने का आरोप लगा था. लेड एक खतरनाक केमिकल होता है, जो न सिर्फ इंसानों बल्कि जानवरों के लिए भी घातक होता है. FSSAI के अनुसार, मैगी में 17.2 पार्ट्स पर मिलियन (PPM) लेड था. यह तय सीमा 2.5 पीपीएम से लगभग 1000 गुना ज्यादा था. 

बैन के बाद जीरो हो गया था मैगी का मार्केट शेयर 
इस बैन के चलते नेस्ले इंडिया को तगड़ा झटका लगा था. बैन के समय भारतीय नूडल्स मार्केट में मैगी का शेयर लगभग 80 फीसदी था. बैन के एक महीने के अंदर यह घटकर शून्य पर आ गया था. अब बैन के लगभग एक दशक बाद भी मैगी अपना पुराना स्थान वापस हासिल करने में संघर्ष कर रही है. इस सेगमेंट में कई कंपनियों के आ जाने से कम्पटीशन तगड़ा हो गया है. पिछले 8 साल में कंपनी लगभग 140 प्रोडक्ट इंडिया में उतार चुकी है. साथ ही वह भारत में 2025 तक 7500 करोड़ रुपये का निवेश भी करने वाली है.