Monsoon Update: भीषण गर्मी के बीच आया मानसून, देश के इन राज्यों में होगी झमाझम बारिश

Monsoon Update: इसके अलावा, इस बार अरुणाचल प्रदेश में 27 मई, 29 मई और 30 मई को जमकर भारी वर्षों की उम्मीद है। चक्रवाती तूफान रेमल भी इन राज्यों पर प्रभाव डालने वाला हैं।

 

Haryana Update: आपकी जानकारी के लिए बता दें, की वर्तमान में पूरा उत्तर भारत भारी गर्मी का सामना कर रहा है (Monsoon Update)। दक्षिण भारत को इस भयंकर गर्मी से जल्द ही राहत मिलेगी, हालांकि लोगों को दिन में घर से बाहर निकलना मुश्किल होता जा रहा है।

दरअसल, साउथ में मानसून आने वाला है। लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी, क्योंकि इस बार मानसून अपने निर्धारित समय से पहले आ रहा है। भारत मौसम विभाग (IMD) ने मानसून पर अपडेट दिया है।

मानसून पहले केरल आएगा। यहां पर मानसून हर साल 1 जून से 4 जून के बीच आता है, लेकिन इस बार प्रदेश में लोगों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए पहले आता है (मानसून अपडेट)। मौसम विभाग ने कहा कि इस बार 27 मई से 4 जून तक केरल में बारिश होगी।

IMD अधिकारी का कहना है कि इस बार मानसून आगमन जल्दी नहीं होगा। यह लगभग एक जून है, क्योंकि केरल में हर बार इसी दिन बारिश होती है।

महाराष्ट्र में मानसून कब शुरू होगा?
मौसम विभाग के अनुसार, जहां 22 मई तक हर साल बारिश होती थी, अब 19 मई को वर्षो होगी (Weather Update)। इसलिए, दक्षिण-पश्चिम मानसून इस बार 19 मई को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तीन दिन पहले पहुंचेगा।

अंडमान-निकोबार से आगे बढ़ते हुए केरल में मानसून दस्तक देगा। (Monsoon Update) बाद में मानसून केरल से बढ़कर महाराष्ट्र पहुंचता है, जहां 10 जून से बारिश होने की उम्मीद है।

इन राज्यों को गर्मी राहत दी जाएगी
27 और 28 मई को मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, असम, मेघालय, नागालैंड और सिक्किम में भारी बारिश होने की उम्मीद है। इसके अलावा, इस बार अरुणाचल प्रदेश में 27 मई, 29 मई और 30 मई को जमकर भारी वर्षों की उम्मीद है। चक्रवाती तूफान रेमल भी इन राज्यों पर प्रभाव डालने वाला हैं।

Haryana News: यात्रियों के लिए खुशखबरी, इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ीं लुधियाना-हिसार और हिसार-भिवानी ट्रेनें

चक्रवाती तूफान रेमल बंगाल में कब "बेअसर" होगा, आईएमडी ने बताया। (Monsoon Update) अब गंभीर चक्रवाती तूफान उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर आगे बढ़ रहा है।

आगे बताया कि रेमल तूफान अब पश्चिम-बंगाल में मोंगला के दक्षिण-पश्चिम में सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच बांग्लादेश और आसपास के पश्चिम बंगाल के तटों को पार करते हुए चला गया है। इसका प्रभाव अब धीरे-धीरे कम होने लगा है।