National Agriculture Development: इस योजना के तहत सरंक्षित खेती कर किसान कमा रहे है तगड़ा मुनाफा
National Agriculture Development: राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत किसान संरक्षित सब्जियों की खेती कर लाभ कमा सकते हैं। कृषि विभाग के उद्यान विभाग ने छोटे और सीमांत किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। सरकारी उद्यान विभाग ने महंगी सब्जियों की खेती करने के लिए इच्छुक किसानों को शेड नेट हाउस (Shed Net Houses) सब्सिडाइज्ड दरों पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
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शेड नेट हाउस को 1000 वर्ग मीटर से 4000 वर्ग मीटर तक बनाया जाएगा। जिसकी यूनिट लागत 710 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, उसके लिए 50% सहायता अनुदान 355 रुपये प्रति वर्ग मीटर है। शेड नेट हाउस में महंगी सब्जियां लगाने पर भी 50% सहायता अनुदान 70 रुपये प्रति वर्ग मीटर मिलेगा, जबकि यूनिट कॉस्ट 140 रुपये प्रति वर्ग मीटर होगा।
सब्जी उत्पादक किसानों को प्लास्टिक मल्चिंग भी मिल रहा है। किसान को कम से कम २० हेक्टेयर और अधिकतम २ हेक्टेयर का लाभ मिल सकता है। 32,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की यूनिट लागत है, जिसमें 50% सहायता अनुदान 16,000 रुपये प्रति हेक्टेयर है।
मशरूम उत्पादन पर 50% सब्सिडी मिलने का सुनहरा अवसर किसानों के पास है। उद्यान विभाग द्वारा किसानों को मशरूम उत्पादन करने के लिए झोपड़ी बनाने पर 50% अनुदान पर कराया जा रहा है. झोपड़ी 1500 वर्ग फुट की है। झोपड़ी बनाने का कुल खर्च 1,79,500 रुपये है, जिसमें सबसे अधिक 50% सहायता अनुदान 89,750 रुपये दिया जाएगा।
प्लास्टिक मल्चिंग किसानों को कम से कम 0.20 हेक्टेयर और अधिकतम 2 हेक्टेयर का लाभ मिल सकता है। 32,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की यूनिट लागत के साथ, 50% सहायता अनुदान 16,000 रुपये प्रति हेक्टेयर है।
सब्जी विकास योजना: इस योजना के तहत महंगी सब्जी के पौधे वितरित किए जाएंगे। जिसमें उद्यान विभाग ने किसानों से ब्रोकोली, शिमला मिर्च, बीज रहित खीरा और बीज रहित बैगन के पौधे के लिए आवदेन मांगे हैं। किसानों को अपनी आवश्यकतानुसार सब्जी पौधों का आवेदन करने पर सब्सिडी (Subsidy) प्रति पौधा 10 रुपये पर मिलती है। 2.50 रुपये का अंशदान देकर किसान पौधा खरीद सकते हैं।किसान इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसान उद्यान विभाग की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। जो व्यक्ति जमीन की अपडेटेड रसीद, किसान रजिस्ट्रेशन नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो अपलोड करेगा। झोपड़ी में मशरूम उत्पादन करने वाले किसानों को किसी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से ट्रेनिंग सर्टिफिकेट भी चाहिए।