New Rules: कनाडा ने बदले नियम, विदेशी छात्रों पर पड़ेगा असर

अब कनाडा सरकार ने विद्यार्थियों के काम करने के समय में भी कमी की है। ऐसे में लाखों भारतीय विद्यार्थियों के लिए कनाडा में क्या भविष्य है?
 

पिछले छह महीने में, कनाडा ने विदेशी विद्यार्थियों के लिए नियमों को कठोर कर दिया है। अब कनाडा सरकार ने विद्यार्थियों के काम करने के समय में भी कमी की है। ऐसे में लाखों भारतीय विद्यार्थियों के लिए कनाडा में क्या भविष्य है? और विदेश में पढ़ाई करना चाहते विद्यार्थियों के पास क्या विकल्प हैं? देखें ये रिपोर्ट।

इन देशों में अधिकांश विद्यार्थी भारतीय हैं

D Vivid Consultant ने बताया कि 2022 में भारत से विदेश में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में अधिकांश भारतीय विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। हालाँकि, कुछ दिन पहले कनाडा की सरकार ने घोषणा की कि सितंबर 2024 से विदेशी विद्यार्थियों को सप्ताह में चालिस घंटे काम करने का अधिकार कम कर दिया जाएगा। अब ये 24 घंटे कर दिया गया है।

नए नियम पर छात्रों ने क्या कहा

भारतीय छात्र पढ़ाई के साथ- साथ नौकरी करके अपना खर्च निकाल सकते थे लेकिन अब वो बंद हो जाएगा. फ्रेशर इससे खुश हैं लेकिन करियर बनाने के लिए अब कनाडा के बदले दूसरे देश की ओर स्टूडेंट देख रहे हैं. हार्दिक नाम के एक स्टूडेंट ने बताया कि मेरे जैसे फ्रेशर के लिए कनाडा सरकार का यह नियम अच्छा है. हमें जाते है वहा काम मिल जाएगा. एक दूसरे स्टूडेंट क्रीना त्रिवेदी ने बताया कि नियम बदलने की वजह से अब मैं कनाडा नहीं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया पढ़ने जाउंगी.

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कनाडा में सालाना खर्च 16 लाख, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में 20 - 20 लाख

कनाडा में महंगाई बढ़ने से वहां काम कर रहे भारतीय छात्रों का खर्च बढ़ गया है. कनाडा में सालाना खर्च 16 लाख रुपए, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में 20 - 20 लाख रुपए आता है. अमेरिका में तो नियम है की कैम्पस में ही स्टूडेंट सप्ताह में 20 घंटे काम कर सकते हैं. हालांकि नियम से ज्यादा काम करके स्टूडेंट वो भुगतान कैश में ले लेता है लेकिन वो गैर कानूनी है. जर्मनी में अगर पब्लिक कॉलेज में एडमिशन हो जाता है तो खर्च सिर्फ 6 लाख रुपए होता है. कनाडा में एक घंटे में 16 डॉलर, यूएस में 9 और ऑस्ट्रेलिया में 23 डॉलर कमाई होती है. इन देशों की तुलना में अब लाखों भारतीय छात्र फिनलैंड, फ्रांस और जमर्नी का रुख करेंगे.

कनाडा मे नियम सख्त होने का क्या असर?

D VIVID Consultant के डायरेक्टर दर्शन शाह ने कहा कि कनाडा ने नियम सख्त होने से अब भारतीय छात्र जर्मनी, फ्रांस और फिनलैंड का रुख करेंगे. यहां जॉब की संभावना ज्यादा है और खर्च या तो सिमिलर या कम है. एक समय था जब कनाडा में सालाना ढाई लाख स्टूडेंट पढ़ाई के लिए जाते थे. अब वो घटकर एक लाख आसपास हो जाएंगे. बावजूद इसके विदेश जाने वाले छात्रों की संख्या कम नहीं होगी.