Delhi में वाहन चालकों के लिए नोटिस जारी, चालान काटने की ये व्यवस्था

Delhi News: दिल्ली में सभी पेट्रोल पंपों पर पहले से कैमरे लगे हुए हैं और टेंडर खरीदने वाली कंपनी को सॉफ्टवेयर इंस्टाल करना होगा। पांच साल का टेंडर मिलेगा, जानिए पूरी खबर। 
 

Haryana Update: आपको बता दें, की दिल्ली चालकों के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट है। यदि आप गाड़ी से बाहर जाने की योजना बना रहे हैं तो इस डॉक्यूमेंट को सबसे पहले पढ़ें। ट्रैफिक पुलिस चालान काट सकती है अगर आपके पास ये आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने वैध प्रदूषण नियंत्रण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र के बिना प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जांच करने का अभियान चलाया है।

अब वाहन चालकों के पास वैध पीयूसी है। दिल्ली सरकार राजधानी के 400 से अधिक पेट्रोल पंपों पर वैध पीयूसी (Valid PUC) के बिना वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई करने के लिए विशेष कैमरे लगाएगी। 25 पेट्रोल पंपों पर पायलट प्रोजक्ट के सफल होने के बाद, परिवहन विभाग के अधीन दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (DTIDC) ने 100 पेट्रोल पंपों पर पीयूसी जांच के लिए विशेष कैमरे लगाने का टेंडर जारी किया है, जिसकी अनुमानित लागत छह करोड़ रुपये है।

इस टेंडर को आगे बढ़ाकर 300 से अधिक पेट्रोल पंपों पर भी साफ्टवेयर लगाया जाएगा। पेट्रोल पंपों पर आने वाले वाहनों में वैध PUC नहीं होने पर वाहन मालिक के मोबाइल पर संदेश भेजा जाता है. पीयूसीसी नहीं बनवाने पर तीन घंटे बाद ई-चालान काटा जाएगा और सूचना मोबाइल पर भेजी जाएगी।

परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में सभी पेट्रोल पंपों पर पहले से कैमरे लगे हुए हैं और टेंडर खरीदने वाली कंपनी को सॉफ्टवेयर इंस्टाल करना होगा। पांच साल का टेंडर मिलेगा।

उनका कहना था कि पेट्रोल पंप मालिकों को भरोसा है। 25 पेट्रोल पंपों पर पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विभाग ने पीयूसी वैधता परीक्षण सिस्टम लगाया था। इस दौरान यहां पर वैध पीयूसीसी के बिना लगभग 24 प्रतिशत वाहन मिले।

याद रखें कि वाहन के नंबर प्लेट को कैमरे से स्कैन करके पता लगाया जा सकता है कि उसमें वैध पीयूसी है या नहीं। वाहनों को विभिन्न प्रदूषकों के उत्सर्जन मानकों, जैसे कार्बन मोनोआक्साइड (CO) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), के लिए बार-बार परीक्षण किया जाता है, फिर पीयूसी प्रमाणपत्र दिया जाता है।

सामयिक हैंडबुक 2023 के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022–2023 में दिल्ली में 79,45,596 पंजीकृत वाहन थे।
दिल्ली में चार लाख से अधिक बगैर पीयूसीसी वाले वाहनों की संख्या है।
एक महीने में 88,347 वाहनों की पीयूसीसी जांच की गई।
जिसमें 20,942 वाहनों में वैध पीयूसी नहीं थे पता चला।
यानी 23.70 प्रतिशत वाहनों में वैध पीयूसीसी नहीं था।
15 हजार 740 वाहन चालकों ने परिवहन विभाग से संदेश मिलने पर दो घंटे के अंदर पीयूसी प्रमाणपत्र बनवाए।
परिवहन विभाग ने 5,202 वाहन मालिकों के मोबाइल पर 10 से 10 हजार रुपये के ई-चालान भेजे।

वर्तमान पीयूसी जांच की दरें 60 रुपये हैं दो पहिया वाहनों की पीयूसी जांच, 80 रुपये हैं पेट्रोल और सीएनजी कार की पीयूसी जांच, और 100 रुपये हैं डीजल वाहनों की पीयूसी जांच।