अब GPS से कटेगा टोल
 

GPS Toll System:एक वक्त वो भी था जब टोल प्लाजा से गुजरते वक्त कैश के जरिए पेमेंट करना पड़ता था जिस वजह से टोल प्लाजा पर लंबी-लंबी कतारें लग जाया करती थी. लंबी कतारों का झंझट खत्म करने के लिए सरकार FasTag लेकर आई और अब इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए सरकार जल्द GPS Toll System शुरू करने वाली है.
 

Haryana Update: दोनों में अगर फर्क की बात करें तो जीपीएस टोल कलेक्शन सिस्टम जो है ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम पर काम करता है. इस सिस्टम की मदद से कार की एकदम सटीक लोकेशन को ट्रैक करने की सुविधा मिलती है. दूसरी तरफ, आपकी कार के विंडशील्ड पर लगे फास्टैग स्टीकर में पैसे होते हैं, टोल प्लाजा पर लगी मशीन इस सिस्टम को स्कैन करती है और फिर आपके फास्टैग वॉलेट से पैसे कट जाते हैं.

ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम यानी GPS और भारत के जीपीएस एडेड जीईओ ऑगमेंटेड नेविगेशन यानी GAGAN तकनीक का इस्तेमाल करने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यह सिस्टम डिस्टेंस या फिर कह लीजिए दूरी के आधार पर टोल कैल्क्यूलेट करता है.


आसान भाषा में अगर आपको समझाएं तो इसका मतलब यह है कि इस सिस्टम के आने के बाद आप लोगों को केवल उतना ही टोल भरना होगा जितनी हाईवे या एक्सप्रेस वे पर आपने दूरी तय की है