Open ai chatgpt: इन 7 देशो म नही खुल रहा chatgpt, चीन और रूस भी है शामिल
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड चैटबॉट चैटजीपीटी (ChatGPT) पर बैन लगाने वाले देशों की लिस्ट में अब इटली भी शामिल हो गया है. इटली की डेटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने प्राइवेसी को लेकर चिंता ज़ाहिर करते हुए इस AI चैटबॉट पर बैन लगा दिया है.
ChatGPT के खिलाफ डेटा ब्रीच की एक शिकायत आई थी, इसमें यूजर्स दूसरे लोगों के चैटबॉट कन्वर्सेशंस देख सकते थे. जांच के बाद इटली के डेटा प्रोटेक्शन वॉचडॉग- गैरेंते ने ChatGPT को बनाने वाली कंपनी OpenAI को आदेश दिया है कि वो इटली के यूजर्स के डेटा की प्रोसेसिंग करना बंद करे. बैन के साथ-साथ OpenAI को इस ब्रीच को ठीक करने के लिए 20 दिन का वक्त दिया गया है. साथ ही चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं होने पर कंपनी पर 21.7 मिलियन डॉलर (करीब 178 करोड़ रुपये) का फाइन लगाया जा सकता है.
गैरंते ने कहा, “एक एल्गोरिद्म को ट्रेन करने के लिए बड़ी मात्रा में पर्सनल डेटा के कलेक्शन और प्रोसेसिंग को कम नहीं आंका जा सकता है.” गैरंते की चिंता है कि ChatGPT का इस्तेमाल कोई भी कर सकता है, जबकि इसके लिए एज लिमिट तय होनी चाहिए. इसके साथ ही ChatGPT ने कई बार गलत सूचनाएं जारी की हैं, गैरंते के लिए एक बड़ी चिंता है.
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सांकेतिक फोटो
रूस की चिंता भी कुछ-कुछ इसी तरह की है. उसका मानना है कि ChatGPT जैसे AI जनरेटिव प्लैटफॉर्म्स का बड़े पैमाने पर गलत इस्तेमाल किया जा सकता है. (chatgpt api)तीसरा देश है नॉर्थ कोरिया. वहां तो परिंदा भी पर मारे तो किम जोंग-उन को पता चल जाता है. दुनिया से पूरी तरह से कटकर रहने वाले नॉर्थ कोरिया में तो मॉनिटर किया जाता है कि इंटरनेट पर कौन क्या देख रहा है.
ऐसे में ChatGPT को अपनी हवा में सांस लेने देने का रिस्क नॉर्थ कोरिया तो नहीं ही लेगा.
इसी तरह सीरिया, क्यूबा और ईरान ऐसे देश हैं जो अपने कड़े सेंसरशिप रेगुलेशन के लिए जाने जाते हैं. इन देशों में इंटरनेट पर सरकारों का पूरा कंट्रोल है. यहां कई प्लैटफॉर्म्स पर बैन लगा हुआ है. वहीं, ईरान की बात करें तो अमेरिका और ईरान की बनती नहीं है. ऐसे में अमेरिकी कंपनी के पावरफुल AI टूल को अपने देश में चलने देने का रिस्क ईरान नहीं ले सकता था.
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इटली से पहले चीन, नॉर्थ कोरिया, ईरान, रूस और सीरिया जैसे देश ChatGPT पर बैन लगा चुके हैं. सभी देशों की चिंता यही है कि ChatGPT में गलत जानकारियां फैलाने का पूरा पोटेंशियल है. यहां गौर करने वाली बात है कि OpenAI एक अमेरिकी कंपनी है. चीन और अमेरिका की आपस में बनती नहीं है, ऐसे में चीन की चिंता है कि ChatGPT की मदद से अमेरिका पूरी दुनिया में गलत जानकारी फैला सकता है, अपने विरोधी देशों के खिलाफ गलत नैरेटिव को प्रसारित कर सकता है. जानकारी के लिए बता दें कि चीन ने फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, गूगल, इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया साइट्स समेत कई विदेशी न्यूज़ वेबसाइट्स को अपने यहां बैन करके रखा है.
ChatGPT जैसे AI जनरेटिव टूल अपने आप में बेहद आकर्षक लगते हैं. पर बीते कुछ महीनों में हमने इस सिस्टम को गलत जानकारियां देते भी देखा. ऐसे में ये ज़रूरी है कि ऐसे टूल्स को डेवलप करते समय कंपनियां ये सुनिश्चित करें कि ये फेक न्यूज़ फैलाने वाले टूल न बनें और इन्हें इस्तेमाल करने वालों का डेटा उनकी परमिशन के बिना न तो लिया जाए और न ही उसे प्रोसेस किया जाए.