OPS: पुरानी पेंशन व्यवस्था के बाद अब 8वें वेतन आयोग पर आंदोलन का ऐलान, आक्रोश मे भरे कर्मचारी-पेंशनभोगी

OPS: 28 से 30 दिसंबर को कोलकाता में होने वाली अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ की नेशनल काउंसिल की बैठक में, केंद्र सरकार के इस निर्णय के खिलाफ अन्य कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की जाएगी। सभी राज्यों से लगभग 600 डेलीगेट्स नेशनल काउंसिल की बैठक में भाग लेंगे।

 

Haryana Update: केंद्र और राज्य दोनों में 'पुरानी पेंशन' (OPS Scheme) की मांग जारी है। देश भर में लगभग दो करोड़ कर्मचारी और पेंशनर अब आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर आक्रोशित हैं। कारण, टीवी सोमनाथन, केंद्रीय वित्त सचिव, ने कहा कि सरकार का आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) बनाने की कोई योजना नहीं है। जनवरी 2026 से केंद्रीय, सशस्त्र बलों और राज्य कर्मचारियों पर आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होंगी। ऐसे में आठवां वेतन आयोग बनाना आवश्यक है। 

केंद्र सरकार द्वारा आठवां वेतन आयोग नहीं बनाने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है, भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा। सरकारी निर्णय के खिलाफ संघर्ष होगा। राज्य और केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे। 28 से 30 दिसंबर को कोलकाता में महासंघ की नेशनल काउंसिल की बैठक में, केंद्र सरकार के इस निर्णय के खिलाफ अन्य कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की जाएगी।

केंद्रीय वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने सुभाष लांबा को बताया कि सरकार के एजेंडे में 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों के लिए कोई आठवां वेतन आयोग नहीं है। इस बयान से केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स को भारी नुकसान हुआ है। उनमें क्रोध है। वेतन आयोग से देश भर के कर्मचारियों और पेंशनर्स को वेतन, पेंशन और भत्तों में कुछ बढ़ोतरी की उम्मीद है। जनवरी 2026 से केंद्रीय, राज्य और सशस्त्र बलों के कर्मचारियों पर आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होंगी। पिछला वेतन आयोग 2013 में बनाया गया था, जबकि 2016 में इसकी सिफारिशें लागू हुईं।

OPS: After the old pension system, now the announcement of agitation on 8th Pay Commission, employees-pensioners are angry

केंद्र सरकार ने फिलहाल अभी आठवां वेतन आयोग बनाने से इनकार कर दिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, लगभग 67.95 लाख लोग पेंशन भोगी हैं और 48.67 केंद्रीय कर्मचारी हैं। इससे अधिक राज्य सरकारों, पीएसयू और पेंशनर्स हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि कि केंद्र सरकार NPS में कुछ बदलाव करने जा रही है। सरकार ने पेंशन प्रणाली की समीक्षा करने के लिए एक समिति बनाई, जिसका नेतृत्व वित्त सचिव करता था।

आरबीआई ने Old Pension Scheme को लेकर आगाह किया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में OPS पर एक अध्ययन किया है। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ओल्ड पेंशन स्कीम एनपीएस की जगह ले जाएगी, तो सरकारी खजाने का बोझ 4.5 गुना बढ़ जाएगा। इससे 2060 तक सरकारी खजाने पर पड़ने वाला बोझ भी बढ़ सकता है, जो जीडीपी का 0.9 प्रतिशत हो सकता है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि ओपीएस को बहाल करने से राज्यों की वित्तीय स्थिति खराब हो सकती है।

केंद्र फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की रिपोर्ट के अनुसार, जिन राज्यों में पेंशन में योगदान के लिए खर्च किया जाता है, वहां की सरकारें 2004 में New Pension Scheme लागू होने पर उनके रिवेन्यू का 10 प्रतिशत था। जबकि 2020-2021 में ये 25% हो गया था। अब पांच राज्यों ने NPS से OPS पर लौटने का निर्णय लिया है, इससे उनका बोझ बढ़ जाएगा।