OPS Scheme: पुरानी पेंशन योजना को लेकर, UP हाई कोर्ट ने जारी किए बड़े निर्देश, जानिए पूरी खबर 

Uttar Pradesh OPS:आपको बता दें, की केंद्रीय कर्मचारियों की तरह की मांग करते हुए लेखपालों ने कोर्ट में याचिका दायर की, उन्होंने कहा कि लेखपालों की भर्ती का विज्ञापन 1999 में प्रकाशित हुआ था, लेकिन नियुक्ति एक अप्रैल 2005 के बाद मिली। अब, कोर्ट ने उनके पक्ष में निर्णय सुनाया हैं, जानिए पूरी डिटेल। 

 

Haryana Update: आपकी जानकारी के लिए बता दें, की देश भर में पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लेकर आवाज उठी है। OPS कांग्रेस शासित कई राज्यों में लागू है। Punjab में भी पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू है। ऐसे ही अन्य राज्यों के कर्मचारी लगातार OPS के तहत लाया जाना चाहते हैं। इसलिए वे भी न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं। यूपी हाई होर्ट ने इस बीच शिक्षकों और कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय लिया हैं।

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हाईकोर्ट ने ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया है, जिनकी भर्ती एक अप्रैल 2005 से पहले हुई थी लेकिन वे बाद में नियुक्त हो गए। ऐसे में, 1 अप्रैल 2005 से पहले चुने गए लेखपालों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था की पुनर्स्थापना की उम्मीद जाग चुकी है। यूपी हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार, कई विभागों ने पुरानी पेंशन योजना में पात्र कर्मचारियों का ब्योरा भी मांगना शुरू कर दिया हैं।

मामला कोर्ट में कैसे पहुंचा
दरअसल, लेखपाल संघ और अन्य ने कहा कि वे 2005 से पहले चुने गए थे, इसलिए उन्हें भी पुरानी पेंशन मिलनी चाहिए। बता दें कि केंद्र ने अप्रैल 2004 से नई पेंशन योजना शुरू की थी। लेकिन प्रदेश सरकार ने इसे अप्रैल 2005 से लागू किया।

केंद्रीय कर्मचारियों की तरह की मांग करते हुए लेखपालों ने कोर्ट में याचिका दायर की. उन्होंने कहा कि लेखपालों की भर्ती का विज्ञापन 1999 में प्रकाशित हुआ था, लेकिन नियुक्ति एक अप्रैल 2005 के बाद मिली। अब, कोर्ट ने उनके पक्ष में निर्णय सुनाया हैं।

कर्मचारी याचिकाकर्ताओं ने OPS के तहत GPF में वेतन से होने वाली कटौती को भी बदलने की मांग की हैं।

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