पेंशन बहाली समिति करेगा राज्य स्तरीय मीटिंग, दिल्ली रैली में 60000 कर्मचारियों के पहुंचने की आशंका,

Latest Pension News: हरियाणा के जींद में पेंशन बहाली संघर्ष समिति ने राज्य स्तरीय मीटिंग की आयोजित जिसमें उन्होंने बताया कि दिल्ली में होने वाली रैली के अंदर 60000 कर्मचारियों के पहुंचने की आशा जताई है,
 

Haryana Update: हरियाणा के जींद में उन लोगों के एक समूह की एक बड़ी बैठक हुई जो सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पेंशन वापस लाना चाहते हैं। बैठक में हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों से प्रमुख लोग आये।

उन्होंने फैसला किया कि वे चाहते हैं कि हरियाणा से 60,000 से अधिक कार्यकर्ता 1 अक्टूबर को दिल्ली में एक बड़ी रैली में शामिल हों। उसके बाद, सरकार के विरोध में वे जींद में एक और बड़ी रैली करेंगे।

जीन्द में एक विशेष स्थान बैरागी धर्मशाला में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक का नेतृत्व विजेंद्र धारीवाल नामक व्यक्ति ने किया, जो संघर्ष समिति नामक समूह का प्रभारी है।  

ऋषि नैन नाम के एक अन्य व्यक्ति ने बैठक चलाने में मदद की।  वहां पर अनूप लाठर नाम का एक महत्वपूर्ण व्यक्ति भी था।  विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि 1 अक्टूबर को दिल्ली में पेंशन शंखनाद रैली के नाम से बड़ा आयोजन होगा।  

वे चाहते हैं कि कार्यक्रम में हरियाणा से कम से कम 60 हजार कार्यकर्ता आएं।  ऐसा करने के लिए वे चाहते हैं कि सभी लोग बाहर जाएं और कार्यकर्ताओं से बात करें और उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित करें।

जींद में एक बड़ी रैली होगी, जिसमें अहम लोग अहम बातें करेंगे।  वे महिला समूह को बड़ा बनाने और अलग-अलग क्षेत्रों में लीडर बनाने पर भी बात करेंगे।

 वे चाहते हैं कि हर कोई एक निश्चित अभियान के लिए वोट करे और वे इसके बारे में बात करने के लिए हर गांव और वार्ड में जाएंगे।

वे तब तक लड़ते रहेंगे जब तक सरकार बदलाव नहीं करती और वे और अधिक मेहनत करेंगे क्योंकि जल्द ही चुनाव होंगे। दो लोगों ने सरकार को चेतावनी दी कि कर्मचारी उसी को वोट देंगे जो बदलाव लाएगा। 

 

क्या आप इसे सरल शब्दों में समझा सकते हैं?

राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब जैसे कुछ राज्यों में मजदूरों ने सरकार को अपनी ताकत दिखाई है।  

अगर सरकार पुरानी पेंशन वापस नहीं लाती तो अगले चुनाव में उनकी हार हो सकती है, क्योंकि सभी कर्मचारी उनके खिलाफ वोट करेंगे। इस दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों से अधिकारी आये। 

बैठक के दौरान प्रवीण देशवाल, ज्ञान गिल, सुखबीर दूहन समेत कई लोगों ने अपनी बात रखी।  वहां कई अन्य लोग भी थे, जैसे दिनेश शर्मा, पुरूषोत्तम मंजोका और सीमा, ये कुछ नाम हैं।

 

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