WFI के हक़ में धरना देने पर पुलिस ने Delhi यूनिवर्सिटी की छात्राओ को घसीटा !

WFI protest on Jantar-Mantar: पहलवानों के समर्थन में मार्च निकाल रहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट्स को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। बजरंग पूनियां ने माँगा था समर्थन...
 

WFI protest on Jantar-Mantar: पहलवानों के समर्थन में मार्च निकाल रहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट्स को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। वहीं स्टूडेंट्स ने पुलिस परअभद्रता और मारपीट का आरोप लगाया है। रविवार को बजरंग पूनिया ने छात्रों से समर्थन मांगा था। पहलवानों ने स्टूडेंट्स के साथ दिल्ली पुलिस की अभद्रता की निंदा की है।

उधर, भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों का दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना जारी है।(WFI protest on Jantar-Mantar) उन्होंने दिल्ली पुलिस की सिक्योरिटी लौटा दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें सुरक्षा दी गई थी, जिसमें 12-12 घंटे की शिफ्ट में एक-एक सिपाही उनके साथ रखा गया था।

जंतर मंतर भी असुरक्षित 

खिलाड़ियों ने कहा कि अगर वे जंतर-मंतर पर भी सुरक्षित नहीं है, तो कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।(WFI protest on Jantar-Mantar) वे यहां शांतिपूर्वक अपना धरना दे रहे हैं। यहां रोजाना उनके समर्थन में लोग आ रहे हैं और जा रहे हैं, मगर उन्हें किसी से भी कोई दिक्कत नहीं है।

बुधवार को इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा जंतर-मंतर पहुंचीं। यहां उन्होंने धरने पर बैठे रेसलर्स विनेश फोगाट, साक्षी मालिक और बाकी पहलवानों से बातचीत की। इस दौरान बजरंग पूनिया ने कहा कि पीटी उषा ने बोला कि वे हमारे साथ खड़ी हैं और हमें न्याय दिलाएंगीं। वे पहले एक एथलीट हैं और फिर कुछ और।

PT उषा से नहीं थी यह उम्मीद 
बजरंग ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के जेल जाने तक हम यहीं रहेंगे।(WFI protest on Jantar-Mantar) इससे पहले पीटी उषा ने धरने का विरोध करते हुए कहा था कि इससे देश की छवि खराब हो रही है। इसके जवाब में रेसलर्स ने कहा था कि उनसे ऐसे बयान की उम्मीद नहीं थी।

उधर, विनेश फोगाट ने कहा कि हमने केंद्रीय खेल मंत्री (अनुराग ठाकुर) से बात करने के बाद अपना धरना समाप्त कर दिया था और सभी एथलीटों ने उन्हें यौन उत्पीड़न के बारे में बताया था। एक कमेटी बनाकर उन्होंने मामले को दबाने की कोशिश की, उस समय कोई कार्रवाई नहीं की गई।

अधिकारियों को सब बताया था
विनेश ने खुलासा किया कि जंतर-मंतर पर बैठने से तीन-चार महीने पहले हम एक अधिकारी से मिले थे। हमने उन्हें सब कुछ बताया था कि कैसे महिला एथलीटों का यौन उत्पीड़न हो रहा है और मानसिक रूप से उन्हें प्रताड़ित किया जाता है।(WFI protest on Jantar-Mantar) उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हम धरने पर बैठे गए। एक शक्तिशाली व्यक्ति के खिलाफ खड़ा होना मुश्किल है, जो लंबे समय तक अपनी शक्ति और स्थिति का दुरुपयोग करता रहा।

वहीं पहलवानों की मांगों को लेकर भाजपा सांसद मेनका गांधी ने समर्थन किया है। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि यह अफसोस की बात है, भगवान करे उन्हें न्याय मिले।(WFI protest on Jantar-Mantar)