RBI News : इन 5 बैंको की RBI ने लगाई वाट, जानिए नए रुल्स
देश के सभी बैंकों पर भारतीय रिजर्व बैंक कड़ी निगरानी रखता है। आरबीआई बैंकिंग नियमों को तोड़ने पर कार्रवाई करता है।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश के बैंकों के नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए अपने हाथ धोकर ही रहा है। यही कारण है कि रिज़र्व बैंक ने नियमों को तोड़ने वाले बैंकों पर कार्रवाई की खूब चर्चा की है। पांच बैंकों पर फिर से आरबीआई का दबाव डाला गया है। इनमें से प्रत्येक सहकारी बैंक हैं। इन पर एक लाख से पांच लाख रुपये तक की सजा लगाई गई है।
आरबीआई ने इंदापुर को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, द पाटन अर्बन को ऑपरेटिव बैंक, पुणे मर्चेंट्स को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जनकल्याण सहकारी बैंक लिमिटेड और पुणे नगर निगम सर्वेंट्स को ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड पर कार्रवाई की है। इन बैंकों ने विभिन्न नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया है।
किस बैंक ने कितना जुर्माना लगाया?
इंदापुर कोऑपरेटिव बैंक, पुणे ने मिनिमम बैलेंस मेंटेनिंग नियमों का उल्लंघन करके पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जनकल्याण सहकारी बैंक लिमिटेड, जो मुंबई में स्थित है, क्रेडिट सूचना नियमों का उल्लंघन करने के लिए दोषी पाया गया है। आरबीआई ने इस बैंक पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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महाराष्ट्र के सतारा में द पाटन अर्बन कोऑपरेटिव बैंक को बैंकिंग रेगुलेशन अधिनियम 1949 के नियमों को नहीं मानने पर 2 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। पुणे मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपये का फाइन लगाया गया है क्योंकि खाते की पर्याप्त जानकारी नहीं दी गई थी। पुणे नगर निगम सर्वेंट्स कोऑपरेटिव अर्बन बैंक पर एक लाख रुपये की पेनल्टी लगाई गई है क्योंकि निष्क्रिय खाते की सही जानकारी नहीं दी गई थी।
कामकाज में बाधा डालना नहीं चाहता
भारतीय रिजर्व बैंक ने कोऑपरेटिव बैंकों पर कार्रवाई करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक का कोई इरादा नहीं है कि बैंकों के कामकाज में दखल दें। सभी बैंक कार्रवाई नियमों को नहीं मानते हैं। ग्राहक इससे प्रभावित नहीं होंगे। पांचों बैंक आम तौर पर काम करेंगे।
कुछ दिन पहले एक बैंक का लाइसेंस रद्द किया गया था
हाल ही में, उत्तर प्रदेश के सीतापुर में स्थित अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस भारतीय रिजर्व बैंक ने रद्द कर दिया है। 7 दिसंबर से बैंक का कार्य पूरी तरह से बंद है। बैंक की बिगड़ती वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह कार्रवाई की गई है।