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सेविंग्स अकाउंट पर आम तौर पर सिर्फ 2-3 फीसदी ब्याज मिलता है, लेकिन अगर आप Sweep-in FD की सुविधा लेते हैं तो आपको उन पैसों पर 6-7 फीसदी तक का ब्याज मिलेगा। आइए जानें यह सुविधा क्या है और कैसे काम करती है।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

 

आज के दौर में लगभग हर व्यक्ति के पास बैंक खाता है। बहुत से लोग एक से अधिक बैंक खाते हैं। इन बैंक खातों को सेविंग्स अकाउंट कहा जाता है। इनमें लोग अपने पैसे सुरक्षित रखते हैं, जिन पर बैंक 2-3 प्रतिशत तक का ब्याज देते हैं। आपको लगता है कि इतना कम ब्याज मिलता है; FD पर 6-7% तक ब्याज मिलता है। अब सवाल ये है कि एफडी (FD) में पैसे डालने और जरूरत पड़ने पर उन्हें कैसे निकालें? अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो आप Sweep-in FD का विकल्प चुन सकते हैं। इसके बाद आप सिर्फ सेविंग्स अकाउंट में एफडी कर सकेंगे। आइए सब कुछ जानते हैं।

क्या स्वीप-इन-एफडी है?

स्वीप-इन-एफडी एक ऑटो-स्वीप सेवा है। इसके तहत आपके सेविंग्स अकाउंट में जो अतिरिक्त धन होता है, वह FD में भेजा जाएगा। 1-5 साल की एफडी सेविंग अकाउंट से जुड़ी होती है। अब सवाल ये उठता है कि पैसे अकाउंट में कब माने जाएंगे और कब ट्रांसफर किए जाएंगे। इसके लिए पहले एक थ्रेसहोल्ड सीमा निर्धारित करनी होगी।

जानें स्वीप थ्रेसहोल्ड सीमा

वैसे तो बैंक ही स्वीप थ्रेसहोल्ड सीमा निर्धारित करता है, लेकिन अकाउंट होल्डर को आवश्यकतानुसार इसे बदलने का भी अधिकार है। उससे अधिक पैसा होने पर वह खुद ही एफडी अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा। एफडी ब्याज आपके सेविंग्स अकाउंट पर ही मिलने लगेगा।

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न्यूनतम एफडी राशि

स्वीप-इन-एफडी में बैंक भी न्यूनतम FD अमाउंट निर्धारित करता है। पैसे नहीं भेजे जाएंगे जब तक थ्रेसहोल्ड लिमिट से अधिक नहीं होंगे। यानी आपके बैंक खाते में 30 हजार रुपये होने पर ही एफडी में 5 हजार रुपये ट्रांसफर होंगे, अगर आपकी थ्रेसहोल्ड लिमिट 25 हजार रुपये है और मिनिमम एफडी अमाउंट 5 हजार रुपये है।


मिनिमम गर्भावस्था पीरियड

बैंक भी मेच्योरिटी पीरियड निर्धारित करता है। यानी एफडी के पैसे उससे पहले नहीं निकाल सकते। यदि आपके खाते से पांच हजार रुपये एफडी में गए हैं और आपके लिए न्यूनतम मेच्योरिटी पीरियड पंद्रह दिन है, तो आप पैसे वापस नहीं ले सकते।

पीरियड से पहले मेच्योरिटी निकालने पर क्या होता है?

एफडी में गए पैसे को मेच्योरिटी पीरियड से पहले निकालने पर आपको एक प्रतिशत तक की पेनाल्टी चुकानी होगी, जैसा कि सामान्य एफडी अकाउंट में होता है। ऐसी स्थिति में रिवर्स स्प्रे काम करता है। इसके दो तरीके हैं। पहला है LIFO, या Last in First Out। मतलब, बाद में बनाई गई FD पहले टूटेगी। दूसरा है First In First Out, या FIFO। मतलब, पहली FD टूटेगी। हालाँकि, यह सिर्फ तभी होगा जब आपको मेच्योरिटी पीरियड से पहले ही पैसे की अचानक आवश्यकता होगी।


यदि आपकी FD मेच्योरिटी बहुत कम है, उदाहरण के लिए 15 दिन, तो आप FIFO का विकल्प चुनना चाहिए। यह आपके लिए लाभदायक होगा क्योंकि आपकी FD जल्दी मेच्योर हो जाएगी और पैसे वापस लेने पर कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी। हालाँकि, आपको बार-बार अकाउंट से पैसे निकालने की जानकारी होने पर बहुत कम एफडी रखना चाहिए। यह उन लोगों के लिए फायदे का सौदा है जिन्हें एक तारीख को मोटी सैलरी मिलती है, लेकिन 15 से 20 दिन बाद बिल के भुगतान में अधिकांश या लगभग सारे पैसे देने होते हैं। ऐसे में आप 15 दिन की एफडी कराकर 6-7 प्रतिशत की दर से ब्याज पा सकेंगे, जबकि अगर वह आपके सेविंग्स अकाउंट में रहता तो आपको सिर्फ 2-3 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता।

विपरीत, अगर आपकी सैलरी से हर महीने पर्याप्त धन बचता है, तो आप लंबी अवधि की एफडी कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में LIFO भी चुनना चाहिए। ऐसे में आपकी अंतिम एफडी सबसे पहले टूट जाएगी अगर आपको कभी पैसे की जरूरत पड़ी। आपके पिछले एफडी को अभी कुछ दिन ही हुए होंगे, इसलिए आपको कम पेनाल्टी लगेगी और कम नुकसान होगा।

लेकिन इसमें एक लोचा भी है..।


स्विप-इन-एफडी खेल एक सुविधा से अधिक ग्राहकों को आकर्षित करता है। यह सुनकर लगता है कि आपके पैसे सेविंग्स अकाउंट में रहेंगे और आपको एफडी ब्याज मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं है। अब मान लीजिए कि आप 15 दिन की एफडी करते हैं, तो आपको बहुत कम ब्याज मिलेगा। सेविंग्स अकाउंट पर सिर्फ 3 फीसदी ब्याज मिलेगा, लेकिन इस पर लगभग 3.5-4 फीसदी ब्याज मिलेगा। यानी आपको बहुत कम फायदा होगा। आपको 6 प्रतिशत तक का ब्याज मिलेगा अगर आप कम से कम दो महीने की एफडी कराते हैं। यदि आप कम से कम दो या तीन महीने की एफडी कर सकते हैं, तो स्वीप-इन-एफडी को चुनें; अन्यथा, आपको सिर्फ नुकसान होगा।

मान लीजिए आपने 30 दिन की एफडी कराई, जिस पर आपको 4.5 प्रतिशत ब्याज मिला. यदि आप इसे जरूरत पड़ने पर तोड़ना चाहते हैं, तो आपको सिर्फ एक प्रतिशत की पेनाल्टी चुकानी होगी। आपको इस तरह सिर्फ ३.५ प्रतिशत ब्याज मिलेगा। ऐसे में इस सुविधा का फायदा बहुत कम है। लेकिन जो लोग कुछ दिनों तक खाते में पैसा रख सकते हैं, उनके लिए यह एक लाभदायक सौदा हो सकता है।