सुप्रीम कोर्ट ने शरबत दिल अफजा की बिक्री पर लगाई रोक! रूह अफजा ने जीता केस! जानिए पूरा मामला 

दरअसल, यह मामला शरबत ब्रांड 'रूह अफजा' और 'दिल अफजा' से जुड़ा है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट  के फैसले को बरकरार रखा है और याचिका को खारिज कर दिया है.आइये आगे जाने पूरा मामला

 

Supreme Court verdict on Rooh Afza and Dil Afza: सुप्रीम कोर्ट में कई बार अजीबोगरीब मामले सामने आते हैं और सुनवाई के दौरान जज भी मजाकिया अंदाज में कमेंट करते हैं. ऐसा ही एक मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पहुंचा है, जिस पर  फैसला सुनाया है.

दरअसल, यह मामला शरबत ब्रांड 'रूह अफजा' और 'दिल अफजा' से जुड़ा है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट  के फैसले को बरकरार रखा है और याचिका को खारिज कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई दिल अफजा पर रोक

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के फैसले को बरकरार रखते हुए सदर लैबोरेट्रीज नाम की दिल अफजा (Dil Afza) को बनाने और बेचने पर रोक लगा दी है. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने दोनों शर्बतों की बोतल का बारीकी से जांच किया और फिर अपना फैसला सुनाया.

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चीफ जस्टिस का मजाकिया अंदाज

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का मजाकिया अंदाज भी देखने को मिला. जब, दोनों शरबत निर्माताओं ने अपने दावे को सही बताते हुए शरबत की बोतल जजों को सौंपी तो जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मजाकिया अंदाज में कहा, 'हम इन्हें ले रहे हैं,

लेकिन वापस नहीं करेंगे.' इसके बाद चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारडीवाला ने बोतलों की जांच करते हुए कहा कि हाई कोर्ट के फैसले में कोई कमी नहीं है. इसलिए, वो इस मामले में दखल नहीं देंगे.

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क्या है पूरा मामला और कैसे शुरू हुआ?

दरअसल, हमदर्द फार्मेसी (Hamdard Pharmacy) साल 1907 से रूह अफजा (Rooh Afza) शरबत बेच रही है और लोगों को पसंदीदा ड्रिंक बनी हुई है. इस बीच साल 2020 में सदर लैबोरेट्रीज नाम की कंपनी ने दिल अफजा (Dil Afza) नाम का शरबत बेचना शुरू कर दिया. इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा और हमदर्द फार्मेसी ने दिल अफजा पर रोक लगाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

हाई कोर्ट की सिंगल बेंच से दिल अफजा को राहत

मामले की सुनवाई के दौरान सदर लैबोरेट्रीज ने दलील दिया कि वो साल 1976 से दिल अफजा नाम की दवाई बना रहे हैं और ऐसे में उन्हें शरबत बनाने से नहीं रोका जा सकता है. इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने दिल अफजा (Dil Afza) शरबत बनाने और बेचने की इजाजत दे दी. हमदर्द फार्मेसी (Hamdard Pharmacy) ने फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच में चुनौती दी.

हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने लगाई रोक

हमदर्द फार्मेसी (Hamdard Pharmacy) की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के 2 जजों की बेंच ने सदर लैबोरेट्रीज को दिल अफजा शरबत बनाने और बेचने पर पर रोक लगा दी. कोर्ट ने ट्रेडमार्क के नियमों का उल्लंघन बताया और कहा कि हमदर्द फार्मेसी का रूह अफजा एक प्रतिष्ठित ब्रांड है, लेकिन इसी नाम का मिलते-जुलते प्रोडक्ट की वजह से उसको नुकसान होगा.