Supreme Court : पति की जायदाद पर पत्नी का हक होता है या नहीं ? जानिए कोर्ट का फैसला 

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने एक पुराने वसीयत मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि पत्नी को पति की संपत्ति पर पूरा मालिकाना हक़ नहीं होता, क्या कारण है? आइए जानें  

 

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई हिंदू व्यक्ति खुद से बनाई गई संपत्ति में अपनी पत्नी को सीमित हिस्सेदारी देता है, तो वह संपत्ति पर पूरा अधिकार नहीं देगा। बशर्ते वह अपनी पत्नी की देखभाल करता है और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करता है।

1968 में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने यह आदेश पारित किया। पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया। 15 अप्रैल 1968 को हरियाणा के एक व्यक्ति तुलसी राम ने यह वसीयत लिखी, जिसका 17 नवंबर 1969 को निधन हो गया। 

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बेटियों का पिता की संपत्ति पर अधिकार—सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने पिता की संपत्ति पर बेटियों के अधिकार के बारे में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। कोर्ट ने कहा कि संयुक्त परिवार में रह रहा कोई व्यक्ति वसीयत किए बिना मर जाएगा, तो उसकी बेटी उसकी संपत्ति पर हकदार होगी। बेटी को अपने पिता के भाई के बेटों से अधिक संपत्ति का हिस्सा मिलेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि हिंदू उत्तराधिकार कानून 1956 के लागू होने से पहले संपत्ति के बंटवारे पर भी ऐसी व्यवस्था लागू होगी।