UP Electricity Scheme : यूपी सरकार बिजली बिल करेगी माफ, जिन लोगो ने नहीं भरा, जाने ये स्कीम
हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली पर बिजली चोरी और बकाएदारों के लिए अच्छी खबर है। केस्को ने ओटीएस को आठ नवंबर से शुरू करने की घोषणा की है। इस अपडेट के बारे में अधिक जानकारी के लिए खबर को पूरा पढ़ें।
दिवाली पर बिजली चोरी और बकाएदारों के लिए अच्छी खबर है। KSCO ने एकमुश्त समाधान योजना (OTS) को आठ नवंबर से शुरू करने की घोषणा की है। यह ओटीएस में बिजली चोरी का पहला मामला है। उपभोक्ता बिजली चोरी में गिरफ्तार होने पर राजस्व निर्धारण की दस प्रतिशत राशि जमा कर पंजीकरण करा सकते हैं।
यह कार्यक्रम तीन चरणों में शुरू किया गया है। पहली अवधि आठ नवंबर से 30 नवंबर तक चलती है; दूसरी अवधि एक दिसंबर से 15 दिसंबर तक चलती है; और तीसरी अवधि 16 से 31 दिसंबर तक चलती है। पहली अवधि में पंजीकरण कराने वाले उपभोक्ता को सिर्फ पंजीकरण के बाद बचे हुए राजस्व निर्धारण की 25 प्रतिशत राशि जमा करनी होगी। यह जानकारी केस्को एमडी सैमुअल पॉल एन ने एक प्रेसवार्ता में दी।
Kesco MD ने कहा कि यह पहला मौका है जब ओटीएस योजना से उद्योग के अलावा सभी उपभोक्ता लाभ उठाएंगे। इसमें किस्त या एकमुश्त भुगतान का भी विकल्प है। बिजली चोरी के अलावा, अन्य बकाएदार उपभोक्ताओं को वर्तमान बिल समेत बकाए की तीस प्रतिशत राशि देकर पंजीकरण कराना होगा। अलग-अलग अवधि में 100 प्रतिशत तक सरचार्ज छूट मिलेगी।
मिलेगा ३० दिन का अवधि-
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बकाया भुगतान करने के लिए उपभोक्ताओं को पंजीकरण के बाद तीस दिन का समय मिलेगा, बकाया डायरेक्टर राकेश वार्ष्णेय ने बताया। जिन लोगों के खिलाफ आरसी जारी की गई है, वे भी इसका लाभ उठाएंगे। उन्होंने कहा कि छुट्टी के दौरान भी कैश स्टोर खुले रहेंगे।
राजस्व निर्धारण की शेष राशि को जमा करना होगा-
अवधि पहली अवधि दूसरी अवधि तीसरी अवधि
- एकमुश्त भुगतान पर २५, ३०, ४० प्रतिशत
तीस, तीस, तीस और चालीस प्रतिशत का विकल्प।
योजना से निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:
उपभोक्ता बकाया श्रेणी—
-बकाया 58,468 95.50 करोड़
- चोरी का मामला 1048, 14.48 करोड़ रुपये
- आरसी प्रकरण 16,267 850 करोड़
सरचार्ज (एकमुश्त जमा) का लाभ श्रेणीवार रूप से मिलेगा:
उपभोक्ता वर्ग: पहली अवधि, दूसरी अवधि, तीसरी अवधि
- एक केवी भार तक (घरेलू) 100%, 100%, 80%
- एक केवी से अधिक (घरेलू) 90%, 80%, 70%
-तीन केवी (वाणिज्यिक) 80%, 70%, 60%
-तीन केवी से अधिक (वाणिज्यिक) 60%, 50%, 40%
- निजी संस्थान 50%, 40%, 30%
- निजी नलकूप 100 % 100 % 80 %
-लघु और मध्यम उद्यमों के लिए 50%, 40%, 30%