UP News : यूपी में इन चीज़ों पर लगी पाबंदी, इस जिले में धारा 144 हुई लागू 

UP News: इस यूपी जिले में आने वाले दिनों में धारा 144 लागू होगी। इसके लिए DM ने निर्देश जारी किए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, आपको बता दें कि मंडलायुक्त ने कासगंज में पूरे समाधान दिवस का निरीक्षण किया। इस अपडेट के बारे में अधिक जानकारी के लिए खबर को पूरा पढ़ें। 

 

22 जनवरी तक, जिला मजिस्ट्रेट सुधा वर्मा ने शांति व्यवस्था और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निषेधाज्ञाएं पारित की हैं। ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग बिना अनुमति के नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, आप निर्धारित डेसीबल से अधिक आवाज पर लाउडस्पीकर या डीजे नहीं बजा सकते।

अफवाहें फैलाने वालों पर कार्रवाई-
झूठ बोलने वालों को सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों पर कार्रवाई की जाएगीउनका कहना था कि किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा कार्यक्रमों या अन्य माध्यमों से सामाजिक सौहार्द और सांप्रदायिक सद्भाव को तोड़ने की कोशिश नहीं की जाएगी। कोई भी व्यक्ति लाइसेंसी शस्त्र और अस्त्रों का प्रदर्शन नहीं करेगा, न ही आग्नेय अस्त्र या विस्फोटक पदार्थ लेकर चलेगा।

पूरे समाधान दिवस की वास्तविकता:
मंडलायुक्त रविंद्र ने संपूर्ण समाधान दिवस में आने वाले मामलों को निस्तारण में लापरवाही की शिकायत की। ढोलना क्षेत्र के गांव किनावा के एक मामले में थाना प्रभारी को दोषी ठहराया गया, साथ ही राजस्व निरीक्षक को भी गलत रिपोर्ट दी गई। उन्होंने राजस्व निरीक्षकों और थाना प्रभारी को भी झिड़का था।

पुराने मामले देखें

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तहसील सदर में समाधान दिवस के दौरान, मंडलायुक्त ने पिछले दिनों में हल किए गए मामलों की जांच की। किनावा के मामले में, उन्हें पता चला कि जिस भूमि पर पुलिस और राजस्व टीम ने कब्जा हटवाया और पत्थर लगाकर चिह्नांकन किया था, वहां आरोपित पक्ष ने फिर से कब्जा कर लिया और पत्थरों को उखाड़ दिया। इस पर शिकायतकर्ता को फोन कर पूछताछ की। फिर थाना प्रभारी को गालियां दीं। राजस्व निरीक्षक राजकुमार गौतम को इसके बाद परतिकूल प्रवेश का आदेश दिया गया।

दिए गए आदेश-
साथ ही मामले का जल्द समाधान कर दोषी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए। ऐसे कुछ और मामले उनके सामने आए। इन पर उन्होंने राजस्व निरीक्षकों और थाना प्रभारियों को धमकाया। साथ ही चेतावनी दी कि ऐसी शिकायतें फिर से नहीं की जाएंगी और मामले ठीक से हल होंगे।

पूरे समाधान दिवस में 115 शिकायतें आईं, इनमें से सात को स्थानीय स्तर पर हल किया गया। मंडलायुक्त ने इस असर पर कहा कि प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस अधिकारी जनता की शिकायतों को गंभीरता से सुनें और उनका गुणवत्तापूर्ण समाधान करें।