UP News : यूपी के इस जिले पर चला बुलडोजर, अब है इनकी बारी
UP News: हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के इस जिले में सीएम का बुलडोजर चलाया गया है। बता दें कि लगभग सात घंटे की लगातार कार्रवाई के बाद 236 करोड़ रुपये की जमीन को रिहा किया गया है।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण और अलीगढ़ प्रशासन की एक टीम ने मंगलवार को टप्पल क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई की, जिसमें अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाया गया। सात घंटे की लगातार कार्रवाई के बाद करीब 236 करोड़ रुपये की जमीन को रिहा करने का दावा किया गया है। यीडा ने जेवर एयरपोर्ट से सटी 1.17 लाख वर्ग मीटर सरकारी जमीन को छोड़ दिया।
यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने मंगलवार को नगर पंचायत का दर्जा हटाने के बाद बिना अनुमति के टप्पल में विकसित हो रही कॉलोनियों को ढहाने की दूसरी बड़ी कार्रवाई की। यीडा की टीम बीते बुधवार को आधा दर्जन जेसीबी लेकर थाने पहुंची थी, लेकिन थाने पर पुलिस न होने और किसानों की अधिकता के कारण वे वापस लौट गए. मंगलवार को, प्राधिकरण के ओएसडी शैलेन्द्र कुमार की अगुवाई में टीम दर्जनों जेसीबी, पुलिस और पीएससी बल के साथ टप्पल थाने पहुंची। सूचना दी गई तो एसडीएम भी पहुंचे।
टीम ने टप्पल के गांव लालपुर पहुंच गया। अधिकारियों ने कहा कि इस क्षेत्र में सभी कॉलोनियां प्राधिकरण की मूल्यवान जमीन पर बनाई जा रही हैं। टीम ने जेसीबी के माध्यम से लालपुर मार्ग पर विकसित कॉलोनियों जैसे आनंद बिहार, मेट्रो सिटी, सिंघवाल, एक्वा ग्रीन और आशियाना में स्थित भवनों, चारदीवारीओं और रास्तो को ध्वस्त किया। सुबह 10 बजे से शुरू हुई कार्यवाही शाम लगभग पांच बजे तक चलती रही। एसीएम प्रथम कुंवर बहादुर सिंह, क्षेत्राधिकारी राजीव द्विवेदी, राजस्व टीम और कई थानों की पुलिस फोर्स और पीएससी बल इस दौरान उपस्थित रहे।
किसानों ने प्रतिरोध किया-
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समाचार मिलते ही कुछ किसानों और किसान नेता थाने पहुंच गए और प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध करने लगे। किसानों ने कहा कि पहले प्राधिकरण हमें 64.4 प्रतिशत मुआवजा, 10 प्रतिशत आवासीय भूखंड मुआवजा, आबादी सीमांकन और मुआवजे की दर निर्धारित कर कार्यवाही करें। यीडा के ओएसडी शैलेन्द्र सिंह ने किसानों को बताया कि उनकी कोई भी मांग जायज है और हमारी प्रक्रिया में शामिल है, जिस पर हम निरंतर काम कर रहे हैं।
टप्पल को नगर पंचायत का दर्जा देते ही क्षेत्र यीडा में शामिल हो गया। इसलिए, क्षेत्र में बिल्डरों की बहुतायत हुई। जेवर एयरपोर्ट के निकट होने से दिल्ली-एनसीआर के बिल्डरों ने यहां कॉलोनियां बनाना शुरू कर दिया था। 20 दिसंबर 2020 को टप्पल को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया था, लेकिन 25 नवंबर 2022 को राज्य सरकार ने इसे वापस लेकर यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण में डाल दिया।
यीडा-टप्पल से नगर पंचायत का दर्जा समाप्त होने के बाद प्राधिकरण ने बुलडोजर चलवाकर 230 करोड़ रुपये की जमीन को नूरपुर मार्ग से मेवा नगला मार्ग, टप्पल से नूरपुर मार्ग, अलीगढ़-पलवल मार्ग से स्यारौल मार्ग और अर्पण ग्रीन स्टेट कॉलोनियों को ध्वस्त कर दिया है. लेकिन प्राधिकरण की कार्रवाई के बाद भी कुछ कॉलोनाइजरों ने
बिल्डरों के झांसे में नहीं आकर अपनी जमापूंजी बर्बाद करें—
टप्पल कस्बा में न्यायालय के आदेश के अनुसार जेसीबी की मदद से अवैध कॉलोनियों, निर्माणाधीन भुवनों, चारदीवारीओं और रास्तो को ध्वस्त कर दिया गया है। यहां प्रत्येक वर्गगज जमीन को बिल्डर 20 हजार रुपये में बेचते थे। हम सभी खरीदारों को बताना चाहते हैं कि बगैर अनुमति के कॉलोनियां बनाई जा रही हैं। ऐसी कॉलोनियों पर बार-बार प्रशासन का दौरा होता रहेगा। इनके झांसे में आकर प्लॉट नहीं खरीदना चाहिए।
52 मुकदमे पहले हुई कार्यवाही में दर्ज हुए थे—
यीडा ने पूर्व में टप्पल थाने में 52 मुकदमे दर्ज किए थे। यह सभी जमीन के चारों ओर अवैध निर्माण करने के मामले से संबंधित हैं। इस इलाके में जेवर एयरपोर्ट बनने के कारण बिल्डर अवैध कॉलोनी बना रहे हैं।
यीडा के ओएसडी शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि किसानों ने कोई विरोध प्रकट नहीं किया था। यीडा की जमीन को घेरकर अवैध निर्माणों को तोड़ दिया गया है। करीब 236 करोड़ एकड़ जमीन मुक्त हुई है।