UP News : यूपी में घर बनाने से पहले जान लें ये नियम, वरना चल जाएगा बुलडोजर 

UP News : उत्तर प्रदेश के अधिकांश शहरों में एक मास्टर प्लान बनाया गया है। वास्तव में, राज्य के 58 शहरों में नए घर बनाने के नियमों में बदलाव किया गया है। आवास विभाग ने योजना बनाई है कि मंदीरों में नए घर बनाने से पहले उनकी ऊंचाई का मानक निर्धारित किया जाएगा, ताकि मनमाने तरीके से जमीन नहीं छोड़ी जाएगी। 

 

Haryana Update : नए वर्ष में उत्तर प्रदेश के 58 शहरों का मास्टर प्लान बनाया जाएगा, जो तय भू-उपयोग के आधार पर शहरों में निर्माण की अनुमति देगा। इसके अलावा, मंदिरों में भवनों की ऊंचाई के मानक निर्धारित किए जाएंगे। सचिव आवास की अध्यक्षता में गठित कमेटी को अभियान चलाकर बनाया गया मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया गया है।

जनवरी 2024 में प्रत्येक शहर के मास्टर प्लान को आवास विभाग ने अंतिम रूप दिया जाएगा। राज्य सरकार अमृत योजना में शहरों का योजनाबद्ध विकास करने का मास्टर प्लान बना रही है। प्रदेश के सभी शहरों में नए दायरे बनाए जा रहे हैं, जिसमें स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, ट्रांसपोर्ट नगर, बस स्टेशन, उद्योग, पार्क और आवासीय सुविधाओं का विकास जरूरत के आधार पर किया जाएगा।

नया मास्टर प्लान बनाने के बाद सभी बड़े और छोटे शहरों (लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, आगरा, वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर, झांसी, प्रयागराज) का क्षेत्रफल बढ़ जाएगा। आज अधिकांश विकास प्राधिकरणों के पास योजनाओं को लागू करने के लिए जमीन नहीं है। नया दायरा निर्धारित होने के बाद, विकास प्राधिकरण को जमीन प्राप्त करने और योजनाएं बनाने में आसानी होगी।

मंदिर ऊंचाई का नया मानक बनाएगा

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25 दिसंबर को प्रदेश के तीन शहरों गोरखपुर, वाराणसी और मथुरा के मास्टर प्लान की प्रस्तुतीकरण के दौरान, मुख्यमंत्री ने आवास विभाग को कहा कि धार्मिक नगरों में प्रतिष्ठित मंदिरों के आसपास बहुमंजिला इमारतों को नहीं बनाया जाए। धार्मिक शहरों के लिए शासन स्तर पर मानक बनाए जा रहे हैं, जिससे मुख्यमंत्री के निर्देशों के आधार पर मास्टर प्लान में इसकी व्यवस्था की जा सके।

मनमाने तरीके से जमीन नहीं छूटेगी

मास्टर प्लान राज्य के अधिकतर शहरों में बनाया गया है। इसे शासन स्तर से अंतिम रूप दिया जाना चाहिए। सचिव आवास की अध्यक्षता में चौबीस सदस्यीय कमेटी गठित की गई है ताकि मास्टर प्लान को पूरा कर लिया जा सके और विकास प्राधिकरण ने मनमाने तरीके से जमीन को कम करने या भू-उपयोग को बदलने से बचाया जा सके। विकास प्राधिकरणवार मास्टर प्लान फिलहाल कमिटी की जांच में है। उसकी कमियों को एक-एक कर से दूर किया जा रहा है। कमीटी को निर्देश दिया गया है कि कमी को दूर करते हुए जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाए।