UP News : बिजली बिल ना भरने वालों की अब खैर नही, चुकानी पड़ेगी भारी कीमत 

यूपी के लोगों के लिए महत्वपूर्ण खबर। यूपी सरकार ने बिल भरने वाले बिजली उपभोक्ताओं को हाल ही में बड़ा अपडेट दिया है। बिल के साथ नोटिस दिए जाने पर प्रबंधन को भरोसा है कि उपभोक्ता पर बकाये बिल का भुगतान करने का दबाव बनेगा और वे जल्द से जल्द भुगतान करने की कोशिश करेंगे।
 

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने अब मीटर रीडरों के माध्यम से बकायेदार उपभोक्ताओं को नोटिस भेजे जाने का प्रयोग करने का निर्देश दिया है, जो राज्य की बिजली व्यवस्था को सुधारने के प्रयास में जुटा हुआ है। बिल के साथ नोटिस दिए जाने पर प्रबंधन को भरोसा है कि उपभोक्ता पर बकाये बिल का भुगतान करने का दबाव बनेगा और वे जल्द से जल्द भुगतान करने की कोशिश करेंगे।


इस नवाचार के लिए प्रत्येक MD को पत्र लिखा
पंकज कुमार, पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक, ने सभी विद्युत वितरण निगमों के एमडी को इस आशय का पत्र भेजा है। जिसमें राजस्व वसूली के नवीनतम प्रयासों और व्यवस्था को सुधारने का आह्वान किया गया है। मूलत: केस्को (कानपुर) के अधिशासी अभियंता अजय आनंद ने यह प्रयोग किया है। अजय आनंद ने मीटर रीडर को नोटिस भेजना शुरू किया, जिससे उपभोक्ताओं के टर्नअप में सुधार हुआ है।

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मौके पर लेखक नाम-पता लिखकर बिल के साथ नोटिस देगा—
इस व्यवस्था में, मीटर रीडर बिल रीडिंग लेने के बाद जानता है कि ग्राहक ने पिछली बार कब बिल भुगतान किया था। यदि बिल का भुगतान एक महीने पहले किया गया था, तो वह उपभोक्ता को बिल के सेक्शन तीन में नाम, बकाया राशि और डिस्पैच नंबर के साथ स्टेपल कर देगा। मीटर रीडर एक नोटपैड पर उपभोक्ता का खाता संख्या और मोबाइल नंबर लिखेगा। महीने के अंत में उपभोक्ता की केवाईसी अपडेटेशन भी मीडर रीडर द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर की जाएगी। 


वाराणसी के अधिशासी अभियंता नीरज पांडेय ने भी अधिकारियों को मीडर रीडर के साथ भेजने का प्रयास किया था। जिसमें वह प्रत्येक मीटर रीडर के साथ विभाग के कर्मचारियों को भेजने लगा। इस प्रणाली ने फर्जी रीडिंग भरने और गलत रीडिंग के साथ बिल बनाने पर नियंत्रण स्थापित किया। प्रबंधन ने इसका उपयोग अभियान के रूप में किया। अब पावर कारपोरेशन मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मीटर रीडर के साथ अभियंताओं को उपभोक्ताओं के पास भेजा जा रहा है, जो "उपभोक्ता आपके द्वार" कार्यक्रम का हिस्सा है।